ओके::स्थानीय नीति पर विरोध के स्वर हुए तेज संवाददाता 4 दुमकाझारखंड में रघुवर सरकार द्वारा लागू किये गये स्थानीयता नीति का विरोध तेज हो गया है. झारखंड पीपुल्स पार्टी के केंद्रीय महासचिव प्रेमचंद किस्कू ने कहा कि यह झारखंड के शहीदों तथा झारखंड आंदोलनकारियों के सपनों पर यह कुठाराघात है. श्री किस्कू ने कहा कि स्थानीयता नीति का जो प्रारूप पेश किया गया है, वह बाहरी लोगों को कानून बनाकर झारखंडी बनाने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि जिस राज्य में चपरासी से लेकर मुख्यमंत्री तक बहारी हों, उस राज्य में इससे अच्छी सथानीयता नीति नहीं हो सकती. उन्होंने खतियानी रैयत और 1951 की जनगणना को आधार बनाने की मांग की. इधर स्थानीयता बचाव संघर्ष समिति की बैठक करहड़बिल में सागेन मुर्मू की अध्यक्षता में हुई. जिसमें लागू की गयी स्थानीयता नीति पर आक्रोश जताया गया. कहा कि झारखंड में वही व्यक्ति झारखंडी हैं, जो गेंजर सर्वे सेट्लमेंट खतियानी रैयत के वंशज हैं. बीजेपी ने बाहरी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कट ऑफ डेट रखा है. बैठक में तोबियस मुर्मू, नोवेल हांसदा, मनोज हेंब्रम, राजू टुडू, स्टेफन बेसरा, गोपीन मुर्मू, अमृतलाल हांसदा, तिरुमनी हांसदा, अमीन हांसदा, लखीराम सोरेन आदि मौजूद थे. 10 अप्रैल को समिति ने एक अहम बैठक बुलायी है. जो एसपी काॅलेज मैदान में आयोजित होगी. वहीं छात्र समन्वय समिति ने भी इस स्थानीयता नीति पर आक्रोश का इजहार किया है. समिति के अनिल कुमार मरांडी ने कहा कि इस स्थानीयता नीति के तहत यहां के लोगों का रोजगार बाहरी लोगों के हाथों में चला जायेगा. यह असली झारखंडी आदिवासी-मूलवासी के हित में नहीं है. ——————————–भाजपाईयों ने कहा: आकांक्षायें हुई पूरीभारतीय जनता पार्टी व लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं में स्थानीय नीति लागू होने पर खुशी की लहर है. लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष गिरधारी झा एवं जिला महासचिव हेमंत श्रीवास्तव ने कहा कि रघुवर सरकार ने अपने प्रमुख वायदों में से एक स्थानीय नीति लागू कर पूरा कर दिखाया. साथ ही विरोधियों को आइना दिखाने का काम किया है. भाजपा के प्रकाश प्रसाद ने कहा कि अब तक राज्य में कई मुख्यमंत्री हुए, लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर फैसले लेने से कतराते रहे. यह स्थानीय नीति झारखंड में जन्मे-पले लोगों को उनकी वाजिब पहचान दिलाने में अहम साबित होगी. किसान मोरचा के प्रमंडलीय प्रवक्ता विजय कुमार ने कहा कि यह इस सरकार का ऐतिहासिक कदम है. जो काम दूसरे दल के नेता मुख्यमंत्री रहते नहीं कर सके, उस काम को पूरा कर मुख्यमंत्री ने सबका दिल जीता है. जिला कार्यालय मंत्री कृष्ण मुरारी सिंह ने कहा कि इस स्थानीयता नीति का वही लोग विरोध कर रहे हैं, जो उसे बनाने के लिए कभी गंभीर नहीं थे. सत्ता के शीर्ष पर रहने के बावजूद इनलोगों ने इस संवेदनशील मांग पर केवल जनता को टरकाने का काम किया था.
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ओके::स्थानीय नीति पर विरोध के स्वर हुए तेज संवाददाता 4 दुमकाझारखंड में रघुवर सरकार द्वारा लागू किये गये स्थानीयता नीति का विरोध तेज हो गया है. झारखंड पीपुल्स पार्टी के केंद्रीय महासचिव प्रेमचंद किस्कू ने कहा कि यह झारखंड के शहीदों तथा झारखंड आंदोलनकारियों के सपनों पर यह कुठाराघात है. श्री किस्कू ने कहा कि […]
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