दुमका कोर्ट : दुमका के प्रथम अपर जिला जज तौफीकुल हसन की अदालत ने हत्या के एक मामले को सदोष मानव वध मानते हुए दो अभियुक्तों मनु बेसरा और सुंदर बेसरा को 7-7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. कोर्ट ने दोनों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोनों को 6-6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
क्या था पूरा मामला : 12 फरवरी 2015 का है जब मृतक की पत्नी तालको हेम्ब्रम रामगढ़ थाना में कांड संख्या 121/15 के तहत दर्ज कराया था. इस मामले में सूचक तालको हेम्ब्रम (रामगढ़, बड़ी रणबहियार) ने बताया था कि उसके पति मंगल मुर्मू घटना के दिन 10 बजे दिन में अपने घर से खेत की ओर जा रहे थे कि रास्ते में मनु बेसरा और सुंदर बेसरा ने दो और लोगों के साथ मिल कर लकड़ी के चैला से उसके पति को पीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया.
जिसके कारण उसके पति की मौत हो गयी. रामगढ़ थाना में मामला भादवि की धारा 323, 341 और 307 के तहत दर्ज किया गया था. जिसे मंगल मरांडी के मौत के बाद बदल कर भादवि की धारा 302 के तहत अनुसंधानकर्ता ने मनु बेसरा और सुंदर बेसरा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. केश के ट्रायल के दौरान कोर्ट ने इसे भादवि की धारा 302 के बजाय 304 (2) (सदोष मानव वध) का मामला मानते हुए दोनों अभियुक्तों को सजा सुनायी है. इस केश में अभियोजन की ओर से सहायक लोक अभियोजक दिनेश कुमार ओझा ने केश की पैरवी की जबकि पैरवी पदाधिकारी सअनि वीरेन्द्र कुमार थे.