दुमका : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा है कि राज्य में निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी. सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगायेगी. इसके लिए शिक्षा न्यायाधिकरण को प्रभावी बनाते हुए मूर्त रूप दिया जायेगा. जिलास्तर पर संबंधित उपायुक्त इसके अध्यक्ष होंगे.
अभिभावक, शिक्षाविद, अधिवक्ता के साथ-साथ डीइओ व डीएसइ इसमें शामिल किये जायेंगे. मंत्री श्रीमति यादव ने दुमका में मैट्रिक व इंटर के रिजल्ट की प्रमंडलस्तरीय समीक्षा की. समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अक्सर शिकायत आती है कि निजी स्कूल बीपीएल बच्चों के नामांकन में उदासीनता दिखाते हैं.
अब निजी स्कूलों की मनमानी…
ऐसे मामलों में तो न्यायाधिकरण कार्रवाई तो करेगा ही शिक्षा के व्यवसायीकरण पर नियंत्रण के लिए भी ठोस कदम उठायेगा. निजी स्कूलों में बढ़ती फीस, हर वर्ष किताब बदलने के साथ-साथ अन्य तरीकों ये अभिभावकों का आर्थिक शोषण करने पर भी नजर रखी जायेगी.
सड़क किनारे वाले स्कूलों में चहारदीवारी जल्द :
दुमका परिसदन में डॉ नीरा यादव ने कहा : सड़क किनारे चलनेवाले स्कूलों में प्राथमिकता के तौर पर चहारदीवारी का निर्माण कराया जायेगा, ताकि बच्चे बाहर आकर हादसे का शिकार नहीं बने. कोशिश की जा रही है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का माहौल बदले और निजी स्कूलों से वह किसी मायने में पिछड़े न रहे. लिहाजा सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों जैसा मॉडल बनाया जायेगा. इसके लिए राज्य में चार स्कूलों का चयन किया गया है.
इन स्कूलों स्मार्ट क्लास रूम, खेल के आधुनिक सामान, शौचालय, पीने के लिए फिल्टर, पुस्तकालय आदि सुविधाएं विकसित की जायेंगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हाइ स्कूलों के लिए 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. शिक्षकों को प्रोन्नति मिले इसके लिए भी प्रयास किया जा रहे हैं. आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये हैं. जिन स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक होते हुए भी असंतोषजनक परिणाम रहा है, वैसे विद्यालय के शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी.
दुमका में प्रमंडलस्तरीय रिजल्ट की समीक्षा
डीइओ तीन साल के रिजल्ट की समीक्षा करें
जहां का रिजल्ट खराब हुआ, वहां के शिक्षकाें पर होगी कार्रवाई
सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों जैसा मॉडल बनाया जायेगा