धनबाद.
बीबीएमकेयू द्वारा स्नातक सेमेस्टर टू का परीक्षा परिणाम दो बार जारी किये जाने से छात्र-छात्राओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. विद्यार्थियों और छात्र संगठनों ने परीक्षा नियंत्रक विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.क्या है मामला
स्नातक सेमेस्टर टू का पहला परीक्षा परिणाम 25 फरवरी को जारी किया गया था, लेकिन इसके दो दिन बाद ही फिर से 27 फरवरी को संशोधित परिणाम जारी किया गया. दोनों परिणामों के अंकों में अंतर को लेकर छात्रों में असमंजस की स्थिति है. उदाहरण के तौर पर, डिग्री कॉलेज झरिया के छात्र रोहित कुमार का सीजीपीए पहले 3.35 था, जो नये परिणाम में बढ़कर 3.95 हो गया. इसी तरह, अर्पणा सिंह का 6.0 से बढ़कर 6.6 और स्नेहा पांडेय का 6.65 से घटकर 6.55 हो गया. इस बदलाव से परेशान छात्रों की शिकायत पर छात्र नेताओं ने परीक्षा नियंत्रक विभाग से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है.
परीक्षा विभाग ने दी सफाई
बीबीएमकेयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ सुमन कुमार वर्णवाल ने बताया कि ऑनलाइन परिणाम के साथ यह स्पष्ट किया जाता है कि यह आधिकारिक प्रमाण पत्र नहीं होता. उन्होंने स्वीकार किया कि सीजीपीए गणना में सिस्टम की तकनीकी त्रुटि के कारण यह अंतर आया. गलती का पता चलते ही इसे ठीक कर दिया गया है. परीक्षा विभाग ने छात्रों को आश्वस्त किया कि उनके अंकों में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी और घबराने की जरूरत नहीं है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है