धनबाद.
धनबाद नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में जेल में बंद जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह की स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवाई व जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ में हुई. प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ दावे ने बहस की. वहीं रिस्पोंडेंट की ओर से अधिवक्ता मिस तूलिका मुखर्जी ने अपना पक्ष रखा. खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. पिंटू सिंह 25 मार्च 2017 से जेल में बंद हैं. ज्ञात हो कि पिंटू सिंह की जमानत याचिका तीन बार झारखंड हाईकोर्ट से और एक बार सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है. 21 मार्च 2017 के संध्या सात बजे नीरज सिंह अपने फॉच्यूनर कार जेएच10एआर-4500 से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे. वह ड्राइवर के साथ आगे सीट पर बैठे थे. पीछे के सीट पर उनका सहायक सरायढ़ेला न्यू कॉलोनी निवासी अशोक यादव और दो निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी बैठे थे. स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाइक पर सवार कम से कम चार हमलावरों ने उनकी कार पर गोलियों की बरसात कर हत्या कर दी थी.घाघीडीह जेल में बंद है पिंटू :
धनबाद मंडल कारा में अमन सिंह की हत्या के बाद जेल प्रशासन ने नीरज सिंह हत्याकांड के कई आरोपियों को राज्य के विभिन्न जेलों में शिफ्ट किया था. इस दौरान धनबाद जेल में बंद पिंटू सिंह को जमशेदुपर के घाघीडीह जेल में भेज दिया गया. तब से वह वहीं पर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है