धनबाद.
झारखंड सरकार की ग्राम गाड़ी योजना के तहत जिले में संचालित पांच वाहनों को पिछले नौ माह से भुगतान नहीं किया गया है. सरकार द्वारा भुगतान रोकने का मुख्य कारण जीपीएस रिपोर्ट में तकनीकी गड़बड़ी बताया गया है. वाहन चालकों व संचालकों का कहना है कि उन्हें भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. जबकि पहले बिना जीपीएस लगे वाहनों को चार माह का भुगतान किया गया था, लेकिन अब जीपीएस रिपोर्ट के बिना राशि जारी नहीं की जा रही है.नेटवर्क न मिलना बनी समस्या की जड़
जीपीएस लगाने वाली कंपनी के अनुसार नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या के कारण सही रिपोर्ट नहीं आ पा रहा है. एसे में सरकार को वाहनों के वास्तविक लोकेशन व संचालन की जानकारी नहीं मिल पा रही है. एक जीपीएस डिवाइस की कीमत आठ से नौ हजार रुपये है, जो वाहन संचालकों के लिए बड़ा खर्च है. इसके कारण कई वाहन चालक जीपीएस बदलवाने या सुधार कराने में असमर्थ हैं.
पांच वाहन संचालन में, योजना पर मंडरा रहा संकट
ग्राम गाड़ी योजना के तहत जिले में दो बस व तीन मैजिक वाहनों को विभिन्न ग्रामीण रूटों पर चलाया जा रहा है. यह योजना करीब एक साल से चालू है और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली बच्चों व आमजनों के आवागमन में सहायक साबित हो रही है. इधर नौ माह से भुगतान नहीं मिलने से वाहन मालिकों को वाहन संचालन में परेशानी हो रही है. कुछ वाहन संचालकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो उन्हें गाड़ियां बंद करनी पड़ सकती हैं.
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