जिले में रोजाना दूसरे राज्यों से दर्जनों बसें आती हैं. इसमें से ज्यादातर ओवरलोड बसें दूसरे राज्यों से सामान लेकर बगैर किसी कागजात के धनबाद पहुंचा रहीं हैं. इस वजह से दुर्घटनाओं का भी खतरा बढ़ता ही है, सरकार के राजस्व का भी चूना लगता है. क्योंकि धनबाद से आने वाला सामान का कारोबार ज्यादातर कच्चे बिल पर होता है. नियमों के अनुसार बस की ऊंचाई जमीन से 13 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. साथ ही छत पर सामान लादने की भी मनाही है. लेकिन बस संचालक इन परिवहन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. हर दिन खुलेआम बसों पर सामान लदे दिख जायेंगे. मामले में परिवहन विभाग का कहना है कि ऐसा करना अवैध है. इसके लिए 20 हजार 500 रुपये अर्थदंड का प्रावधान है. लेकिन आम तौर पर जुर्माना नहीं किया जाता. पुलिस व सेल्स टैक्स के लोग भी इस अवैध धंधे से वाकिफ हैं, पर कोई कार्रवाई नहीं होती.
बंगाल व बिहार से आते हैं ज्यादातर सामान :
रोजाना धनबाद के बरटांड़ व रांगाटांड़ बस पड़ाव पर 100 से अधिक बस आती-जाती है. इनमें से अधिकतर बस बंगाल व बिहार के विभिन्न शहरों की हैं. बस से कोलकाता, पूर्णिया, भागलपुर या किसी भी इलाके से यहां सामान आता है और संबंधित व्यवसायी के पास चला जाता है. अधिक माल कोलकाता से आता है. इसका पक्का बिल भी नहीं होता है. ओवेरलोड बस के दुर्घटना होने के साथ साथ अवैध माल की भी तस्करी की आशंका बनी रहती है.कच्चे बिल पर पटना से आती है दवा
: बस में बिहार के पटना व बंगाल के आसानसोल से रोजाना लाखों की दवा धनबाद आती है. बस चालक सिर्फ पैसा लेकर दवा बस में लदवा लेते हैं. उन दवा के बक्सों में क्या है, उससे उन्हें मतलब नहीं है. दवा के नाम पर किसी प्रकार की अवैध चीजों की तस्करी आसानी से हो सकती है.बस स्टैंड पर सामान लादते, उतारते दिख जायेंगे लोग :
शहर के बस स्टैंड पर सुबह से ही चहल-पहल देखने को मिलती है. इसमें यात्रियों की भीड़ के साथ सामान लेने वा भेजने वाले लोग भी होते हैं. भेजे जाने वाले सामान या आने वाले सामान को रांगाटांड़ बस स्टैंड के पास एक चाय दुकान में सामने रखा जाता है. जहां लोग 50 रुपए देकर अपना सामान ले सकते हैं.टिकट काटने वाले ही बुक करते हैं सामान :
प्रभात खबर की टीम ने शहर के बरटांड़ व रांगाटांड़ बस स्टैंड पहुंची, तो वहां सामान की बुकिंग का खेल दिखा. टीम ने बरटांड़ बस स्डैंड से सामान पटना भेजने की बात कही, तो तुरंत दूसरे व्यक्ति ने सामान टीम के साथी के हांथ से ले लिया. वहां मौजूद कर्मी ने ना केवल सामान पटना से लाने व भेजने, बल्कि जब तक सामान के मालिक ना आ जायें, सामान की सुरक्षा की भी गारंटी ली. इसके लिए उनसे 100 रुपए की मांग की.प्रभात खबर ने जो देखा
प्रभात खबर की टीम ने गुरुवार की रात बरटांड़ बस स्टैंड के एक कर्मी से धनबाद से पटना एक बॉक्स भेजने की बात कही. कर्मी ने बिना पूछे कि बॉक्स में क्या है, अपने पास ले लिया. इसके बाद कर्मी ने टीम से 350 रुपये मांगे. उसके बाद कर्मी ने टीम को अपना नंबर दिया और सुबह के पांच बजे तक पटना बस स्टैंड पर पहुंच जाने की बात कही. गुरुवार की रात को ही प्रभात खबर की टीम एक बॉक्स लेकर रांगाटांड़ पहुंची. वहां मौजूद एक कर्मी से उक्त बॉक्स को कोलकाता भेजने की बात कही, तो उसने 500 रुपये मांगे. पैसे देने के बाद उसने बॉक्स को अपने एक साथी को देकर बस के ऊपर चढ़ा दिया. कर्मी ने एक नंबर दिया व कहा कि जिनको माल देना है, उन्हें दे दीजिएगा.
स्टेशन रोड के चाय दुकानों में उतर रहा सामान :
कई भी व्यक्ति पटना व कोलकाता व अन्य राज्यों से सामान मंगवाता है, तो रांगाटांड़ व स्टेशन रोड स्थित एक चाय दुकान पर सामान उतारा जाता है. प्रभात खबर की टीम ने दुकानदारों से बातचीत की, तो उसने बसों के माध्यम से सामान मंगवा देने का दावा किया, लेकिन भाड़ा के अलावा 100 रुपये अलग से देने की शर्त रखी.क्या कहते हैं अधिकारी
बस की छत पर सामान रखना नियम के विरुद्ध है. ऐसा करने वाले लोगों पर 200 से तीन हजार रुपए तक का जुर्माना करने का प्रावधान है. विभाग द्वारा माह में एक-दो बार मैथन चेक पोस्ट पर जाकर बंगाल से आने वाली बसों की जांच कर उनपर कारवाई की जाती है.दिवाकर सी द्विवेदी,
जिला परिवहन पदाधिकारीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

