22 अगस्त को हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में गत उपायुक्त आदित्य रंजन ने जिले में ‘नो हेलमेट नो पेट्रोल’ नियम लागू करने का निर्देश दिया था. तय हुआ कि बगैर हेलमेट के पंप पर पहुंचे बाइक सवार को पेट्रोल नहीं दिया जायेगा. इसे लेकर परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस संयुक्त अभियान चलायेंगे. नियम लागू होने की घोषणा के साथ लोगों में उम्मीद जगी थी सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन होगा. लेकिन डीसी के निर्देश का असर शहर के पेट्रोल पंपों पर नहीं दिखा. इससे उलट पेट्रोल पंप संचालक ग्राहक को खुलेआम बोतल में पेट्रोल दे रहे हैं.
पेट्रोल पंपों पर अब भी पुराने बैनर, पर कार्रवाई नहीं :
जनवरी में मनाये गये सड़क सुरक्षा माह के दौरान जिले के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर ‘नो हेलमेट नो पेट्रोल’ के बैनर लगाये गये थे. ये बैनर आज भी जगह-जगह नजर आते हैं, लेकिन इनका असर केवल कागज तक ही सीमित है. पेट्रोल पंप संचालक कहते हैं कि बिना हेलमेट के पहुंचे बाइक सवार को पेट्रोल देने से मना करने पर, वे अक्सर बहस करते हैं और विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है. कई बार उपद्रव जैसी स्थिति बन जाती है. प्रशासन की ओर से न तो पंप संचालकों को सुरक्षा का आश्वासन मिला है और न ही नियम पालन कराने के लिए कोई ठोस कदम उठाये गये हैं.सवालों के घेरे में अभियान :
परिवहन और ट्रैफिक विभाग पर नियम लागू न कराने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सड़क सुरक्षा समिति के निर्णय के बावजूद नियम का पालन कराने में विभाग नाकाम साबित हो रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

