धैया के श्रीराम वाटिका के हनुमान अपार्टमेंट की रहने वाली मां और बेटी ने एक साथ पीएचडी की डिग्री हासिल कर लोगों के लिए अनोखी मिसाल कायम की है. मां चंद्रप्रभा और उनकी बेटी शिप्रा पढ़ाई के लिए एक साथ कॉलेज जाती हैं. एक साथ परीक्षा दी. एक माह के अंतराल में दोनों का रिजल्ट आया. मां और बेटी ने परीक्षा में सफलता पायी और पीएचडी की डिग्री हासिल की. पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाली चंद्रप्रभा ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी सास रूकमणि देवी को दिया. बताया कि 1992 में उनका विवाह प्रो कृष्ण मुरारी सिंह के साथ हुआ. इसके बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से पढ़ाई जारी रखने का समय नहीं मिला. उनकी सास रुकमणि देवी ने उन्हें पढ़ाई पूरी करने के लिए प्रोत्साहित किया. होम साइंस में एमए की डिग्री हासिल करने के बाद पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. इसमें बेटी शिप्रा ने भी अपनी मां का पूरा सहयोग किया.
पढ़ाई शुरू करने से पहले पति से रिश्ते की पहचान छुपाने की रखी शर्त :
चंद्रप्रभा ने बताया कि एसएसएलएनटी कॉलेज में उन्होंने दाखिला लिया. इसी यूनिवर्सिटी में पति कृष्ण मुरारी सिंह बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं. पढ़ाई पूरी होने तक उन्होंने यह बात सभी से छुपा के रखी. पढ़ाई शुरू करने से पहले उन्होंने अपने पति से शर्त रखी थी कि दोनों अपने रिश्ते को छुपाकर रखेंगे. 18 साल बाद पढ़ाई शुरू कर चंद्रप्रभा ने एमए, उसके बाद होम साइंस से पीएचडी की.पहली बार कॉलेज जाने पर छात्राओं ने समझा टीचर :
चंद्रप्रभा ने बताया कि जब वह पहली बार कॉलेज गयी तो सभी छात्राओं ने उन्हें टीचर समझा और नमस्ते मैम कहकर खड़ी हो गई थीं. फिर उन्होंने सभी को बताया कि वह पढ़ाने नहीं बल्कि पढ़ने के लिए कॉलेज आयी हैं. चंद्रप्रभा के पति प्रो कृष्ण मुरारी सिंह ने कहा कि शिक्षा को लेकर उनकी मां शुरू से ही गंभीर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

