धनबाद.
श्री श्री चड़क पूजा समिति मनईटांड़ की ओर से आयोजित चार दिवसीय भोक्तिया पर्व के दूसरे दिन सोमवार को भक्तों ने पाट लेकर बस्ती में घर-घर घूमकर श्रद्धालुओं से पाट की लकड़ी में लगे नाग-नागिन की पूजा करायी. घर के बच्चों पर शांति जल का छिड़काव किया गया. शाम को सभी भोक्तिया तालाब में स्नानकर रत्नेश्वर मंदिर में स्थापित निरंजन महादेव के चरणों में भक्ति समर्पित कर शांति व समृद्धि की कामना की. भोक्तियाओं ने पूरे दिन उपवास रख रात को मंदिर के पास आम की लकड़ी जलायी. फिर पूजा अर्चना के बाद भोक्तिया जलते अंगारों पर नंगे पैर दौड़े. परंपरा के अनुसार दया करो दयामयी… प्रार्थना करते हुए अंगारों पर नाच-गाकर उसे बुझाया. उसके बाद शरबत ग्रहण किया. मंगलवार को पर्व के तीसरे दिन भव्य मेला लगेगा. इस बार यहां साढ़े तीन सौ भोक्तिया चरखी पर परिक्रमा करेंगे. समिति के अध्यक्ष पूर्व पार्षद मदन महतो ने बताया कि चार दिवसीय पर्व का समापन बुधवार को नार्ता पूजा के साथ होगा. पर्व को लेकर भक्तों में उत्साह है.धोबनी शिवमंदिर प्रांगण में धूमधाम से की गयी चड़क पूजा
पुटकी.
धोबनी स्थित शिवमंदिर प्रांगण में सोमवार को चड़क पूजा व भोक्ता मेला का आयोजन हुआ. सोमवार की सुबह करीब 91 भोक्ताओं ने निर्जला उपवास कर भगवान शिव की उपासना की. वहीं 60 भोक्ताओं ने अपने शरीर पर कई हिस्सों में लोहे की कील (कांटा) पिरोकर करीब 30 फिट ऊंचे लकड़ी के खंभे पर बल्ली के सहारे परिक्रमा की. मेला में विकास महतो, संजय कालिंदी एवं रंजीत बाउरी (तीनों धोबनी ) आकर्षण के केंद्र रहे. सबसे अधिक सात जोड़ी कांटा विकास ने लिया, सजंय ने पांच जोड़ी एवं रंजीत ने चार जोड़ी कांटा अपने शरीर पर पिरोया. मेला के आयोजन में बिनोद प्रसाद महतो, सुरेश सिंह चौधरी, सुखलाल महतो, कमलाकांत महतो, इंद्रजीत महतो, पिंटू महतो, धीरन महतो, अर्जुन दत्ता, उदय महतो, अभिमन्यु रवानी, मुखिया चक्रधर महतो, देवीलाल महतो, तारा बाउरी आदि का सराहनीय योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है