Dhanbad News: कतरास के रामचंद्र सोनार की मृत्यु के बाद हुआ था नेत्रदान
Dhanbad News: शहीद निर्मल महतो मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) से चार कॉर्निया को मंगलवार को रिम्स रांची भेजा गया. निर्धारित समय सीमा के अंदर कोई भी पात्र मरीज सामने नहीं आने की वजह से प्रबंधन ने यह कदम उठाया. बता दें कि बीते दिनों कतरास निवासी रामचंद्र सोनार की मृत्यु के बाद नेत्र दान किया था. अस्पताल में कॉर्निया को सुरक्षित रखा गया था. विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अगर समय रहते मरीज संपर्क करते, तो धनबाद में ही उनकी आंखों की रोशनी वापस लायी जा सकती थी.कॉर्निया प्रत्यारोपण क्यों है जरूरी
कॉर्निया आंख का पारदर्शी हिस्सा होता है, जो प्रकाश को आंख के भीतर प्रवेश करने और दृष्टि बनाने में मदद करता है. चोट, संक्रमण, जन्मजात बीमारी या किसी अन्य कारण से कॉर्निया क्षतिग्रस्त होने पर दृष्टि चली जाती है. ऐसे में कॉर्निया ट्रांसप्लांट ही एकमात्र इलाज है. इसमें दान किये गये स्वस्थ कॉर्निया को मरीज की आंख में प्रत्यारोपित किया जाता है, जिससे ऑपरेशन के बाद सामान्य दृष्टि वापस मिल सकती है.नेत्रदान ही एकमात्र समाधान
डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अन्य अंगों की तरह कॉर्निया का कोई कृत्रिम विकल्प उपलब्ध नहीं है. केवल नेत्रदान ही कॉर्निया ब्लाइंडनेस का समाधान है. भारत में हर साल हजारों मरीज कॉर्निया की कमी के कारण इलाज से वंचित रह जाते हैं. उन्होंने अपील की कि योग्य मरीज या उनके परिजन समय पर नेत्र विभाग से संपर्क करें. यह केवल एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं बल्कि किसी की जिंदगी बदलने का अवसर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

