शहरी क्षेत्र में ‘हर घर नल योजना’ का बुरा हाल है. योजना के तहत सितंबर 2022 तक 2.41 लाख घरों को पानी देना था, लेकिन योजना के शुरू होने के पांच साल बाद भी मात्र 22,998 घरों में ही पानी का कनेक्शन दिया गया. स्थिति यह है कि अब तक एक भी योजना पूरी नहीं हो पायी है. काम पूरा होने में कम से कम और दो साल लगेंगे. वहीं, काम में लापरवाही को लेकर श्रीराम इपीसी और एलएंडटी पर एफआइआर दर्ज करने की तैयारी भी की जा रही है.
कतरास और झरिया में धीमी गति से चल रहा काम :
कतरास और झरिया अंचल में योजना का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. दोनों अंचलों में मात्र 60-65 प्रतिशत ही काम पूरा हुआ है. योजना के पूरा होने में कम से कम डेढ़ से दो साल का समय और लगेगा. फिलहाल, पुरानी व्यवस्था के तहत शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति हो रही है.एलएंडटी को देना है 75 हजार घरों में पानी कनेक्शन :
‘हर घर नल योजना’ के तहत एलएंडटी कंपनी को 75 हजार घरों में पानी का कनेक्शन देना है. इस योजना की लागत 441 करोड़ रुपये है. वार्ड नंबर 14 से 32 और 53 से 55 तक के वार्डों में प्रत्येक घर को पानी कनेक्शन देना है. अब तक मात्र 3,000 घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है.कतरास जलापूर्ति योजना में 56 हजार घरों को देना है पानी :
कतरास जलापूर्ति योजना के तहत 56 हजार घरों को पानी देना था. पांच साल में मात्र 1,998 घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया है. यहां केवल 60 प्रतिशत ही काम पूरा हुआ है.झरिया जलापूर्ति योजना में 34 हजार घरों को पानी देना था :
झरिया जलापूर्ति योजना के तहत 34 हजार घरों को पानी देना था. अब तक एक भी घर में कनेक्शन नहीं दिया गया है. डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछायी जा रही है, इसके बाद कनेक्शन की प्रक्रिया शुरू होगी.जेएनएनयूआरएम योजना में मात्र 18 हजार घरों में पानी का कनेक्शन :
13 साल पहले 366 करोड़ रुपये की जेएनएनयूआरएम योजना के तहत 76 हजार घरों को पानी कनेक्शन देना था, लेकिन अब तक मात्र 18 हजार घरों में ही पानी का कनेक्शन दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है