शहरी क्षेत्र में हरियाली और लोगों को जंगल का एहसास दिलाने के उद्देश्य से प्रस्तावित धनबाद का पहला नगर वन अब भी अधर में लटका हुआ है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में नगर वन योजना शुरू की थी और उसी वर्ष धनबाद से प्रस्ताव भी मांगा गया था. शहर के तेलीलपाड़ा के दामोदपुर स्थित वन विभाग 38 एकड़ भूमि इसके लिए चिह्नित की गयी थी. सात साल बीत जाने के बाद भी नगर वन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. इसका मुख्य कारण फंड की कमी और विभागीय उदासीनता मानी जा रही है. बता दें कि नगर वन के लिए चिन्हित भूमि के चारों ओर चहारदीवारी समेत फेंसिंग का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है. इसे विकसित करने के लिए विभाग के पास फंड नहीं है. नतीजा, चहारदीवारी जगह-जगह से टूटने लगी है.
दो साल से काम था बंद :
फंड के अभाव में पिछले दो वर्षों से नगर वन में सभी तरह का कार्य बंद था. कुछ माह पहले विभागीय स्तर पर आठ हजार पौधे लगाने के लिए फंड उपलब्ध कराया गया है. जबकि योजना के तहत जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक, ओपन जिम, वाटिकाएं, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, स्मृति वन व नक्षत्र वन जैसी कई सुविधाओं का विकास किया जाना है.शहरी प्रदूषण घटाना था मकसद :
नगर वन योजना का उद्देश्य न केवल जैव-विविधता का संरक्षण करना था. बल्कि शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाकर प्रदूषण को कम करना भी था. केंद्र सरकार ने प्रत्येक नगर वन योजना के लिए दो करोड़ रुपए पौधारोपण व फेंसिंग के लिए देने की घोषणा की थी, मगर धनबाद में इसका लाभ अब तक नहीं मिल पाया.नगर वन योजना में होने हैं ये कार्य :
नगर वन की चारों ओर फेंसिंग, स्थानीय प्रजाति के पौधे व झाड़ियां लगाना, थीम आधारित पौधारोपण के जरिए स्मृति वन व नक्षत्र वन आदि बनाने, जैव-विविधता के लिए सभी प्रकार के सजावटी, झाड़ियां, बेलदार, औषधीय, पुष्प व फलों के पौधे लगाने, रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था, पेयजल, बेंच, फुटपाथ, जॉगिंग व साइकिल ट्रैक बनाने के अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए कियॉस्क, डिस्प्ले बोर्ड, साइनेज लगाने की योजना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

