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Dhanbad News : धनबाद के आठ प्रखंडों के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मिलेगी प्रसव की सुविधा

हर प्रखंड के पांच-पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर में योजना शुरू करने की तैयारी

जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के निर्देश पर धनबाद के आठ प्रखंडों में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में प्रसव की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इसके लिए हर प्रखंड में पांच-पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का चयन किया गया है. आने वाले दो माह में आवश्यक तैयारियों को पूरा कर इन केंद्रों पर यह योजना लागू कर दी जायेगी.

संस्थागत प्रसव की स्थिति चिंताजनक :

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार धनबाद जिले में वर्तमान समय में संस्थागत प्रसव की स्थिति चिंताजनक है. सरकारी अस्पतालों में केवल 22 प्रतिशत प्रसव ही संस्थागत रूप से हो रहे हैं. वही निजी अस्पतालों में यह आंकड़ा 68 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. बड़ी संख्या में महिलाएं अब भी घर पर प्रसव कराने को विवश हैं. ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा और जागरूकता की कमी इसका मुख्य कारण माना जा रहा है.

आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनेंगे ग्रामीण महिलाओं का सहारा :

जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार गांव और प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाये बिना संस्थागत प्रसव की संख्या में इजाफा करना कठिन है. इसी सोच के तहत आठ प्रखंडों में स्थित चयनित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को प्रसव सुविधा से लैस करने की योजना बनायी गई है. इन केंद्रों पर प्रशिक्षित नर्स, दाई और महिला स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की जायेगी. साथ ही प्रसव के लिए जरूरी उपकरण, दवाएं और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी.

दो माह में पूरी होंगी तैयारियां

उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि दो माह के अंदर सभी जरूरी संसाधन जुटा लिए जायें. इसमें बेड की संख्या बढ़ाने, आपातकालीन बिजली और पानी की सुविधा, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती शामिल है. विभाग ने इस दिशा में तैयारी भी शुरू कर दी है. लक्ष्य है कि ग्रामीण महिलाएं आसानी से नजदीकी केंद्र पर जाकर सुरक्षित प्रसव करा सकें और उन्हें शहर या निजी अस्पतालों का रुख न करना पड़े.

सुरक्षित मातृत्व के साथ जटिलताओं को कम करने में मिलेगी मदद

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार संस्थागत प्रसव की सुविधा मिलने से प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को काफी हद तक रोका जा सकेगा. समय पर चिकित्सकीय देखरेख और आपातकालीन सेवाओं के चलते मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आयेगी. साथ ही गरीब और ग्रामीण परिवारों को निजी अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इससे आर्थिक बोझ भी घटेगा.

ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा सीधा लाभ

गांव की महिलाएं अक्सर परिवहन की कठिनाई और खर्च की वजह से अस्पतालों तक नहीं पहुंच पातीं है. आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में प्रसव सुविधा शुरू होने से अब उन्हें अपने ही प्रखंड में सुरक्षित सेवा मिलेगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस पहल से संस्थागत प्रसव दर बढ़ेगी साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं पर लोगों का भरोसा भी मजबूत होगा.

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