क्षय रोग (टीबी) के उन्मूलन को लेकर जिले के 2145 टीबी मरीजों को अब कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद से कंपनियां सहारा देंगी. निश्चय मित्र योजना के तहत विभिन्न कंपनियां टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके इलाज के दौरान आवश्यक सहयोग मुहैया करायेंगी. स्वास्थ्य विभाग के इस योजना के अनुसार मरीजों को न सिर्फ दवा मिलेगी, बल्कि पोषण किट और अन्य जरूरी सुविधाएं भी दी जायेंगी. योजना के तहत अबतक 300 टीबी मरीजों को अडानी फाउंडेशन और एसीसी कंपनी ने गोद लिया है. उन्हें नियमित सहायता पहुंचायी जा रही है. वर्तमान में जिले में पंजीकृत 2145 मरीजों को इस योजना से जोड़ने की तैयारी है. इसके लिए कई अन्य कंपनियों से भी बातचीत चल रही है, ताकि सभी मरीजों को लाभ मिल सके. स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी बड़े उद्योग समूहों और सामाजिक संस्थाओं से अपील की है कि वे आगे बढ़कर टीबी मरीजों को गोद लें और इस अभियान का हिस्सा बनें.
क्या है योजना का उद्देश्य :
टीबी मरीजों को अतिरिक्त पोषण और देखभाल उपलब्ध कराना, कंपनियों को सामाजिक दायित्व के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र से जोड़ना, मरीजों को मनोबल और सामाजिक सहयोग प्रदान करना व वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य में योगदान देना है.योजना के तहत मरीजों को मिलेंगे ये लाभ :
योजना के तहत मरीजों को पोषण किट (दाल, चावल, तेल, अंडा, दूध पाउडर आदि), स्वच्छता सामग्री (साबुन, सैनिटाइज़र, मास्क), इलाज के दौरान नियमित परामर्श और सहयोग प्रदान किये जायेंगे.तेजी से रिकवरी के लिए मरीजों को योजना से जोड़ने की तैयारी :
धनबाद में टीबी के मामले हर साल दर्ज होते हैं. जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों के बीच दवाओं की नि:शुल्क आपूर्ति पहले से चल रही है, लेकिन उन्हें पोषण संबंधी सहारा न मिलने से रिकवरी प्रभावित होती है. इस कमी को दूर करने के लिए ही निश्चय मित्र योजना को सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

