लगातार बारिश से धनबाद, बोकारो व गिरिडीह में जनजीवन ठप हो गया है. बाजारों में सन्नाटा है, तो रोज कमाने-खाने वाले परेशान हैं. जिलों होकर गुजरने वाली नदियां उफान पर हैं, तो बढ़ते पानी के दबाव के कारण विभिन्न डैमों के गेट खोलने पड़े हैं. बिना नागा बारिश की वजह से शहर व गांव की सड़कों की भी स्थिति दयनीय हो गये हैं. सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को है. सब्जी की खेती पानी की वजह से नष्ट हो गयी है, तो बारिश में डूबने से धान के भी नहीं होने के आसार हैं. कोल सेक्टर पर भी असर पड़ा है. उत्पादन और डिस्पैच में काफी गिरावट आयी है. परिवहन पर भी इसका असर पड़ा है. कई जगह गरीबों के घर भी ध्वस्त हुए हैं, तो खदान क्षेत्र में जहरीली गैस के रिसाव से परेशानी बढ़ी है. पढ़ें कहां क्या हाल है :
मैथन डैम के दो गैलरी खोले गये, तो पंचेत लबालब :
लगातार हो रही बारिश से मैथन व पंचेत डैम लबालब भर गये है. शनिवार को मैथन डैम का लेवल 473.13 तथा पंचेत डैम के पानी का लेबल 408.09 फीट रहा. पानी के बढ़ते दबाव के कारण मैथन डैम के दो गैलरी खोलने पड़े. दोनों डैमों के निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सचेत किया गया है. इसके अलावा जमुनिया नदी का जलस्तर भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, तो कतरास में कतरी नदी भी उफान पर है. बीसीसीएल व सीसीएल में कोयला उत्पादन में 70 फीसदी तक की कमी आयी है. खदानों में पानी भर जाने से डिस्पैच में भी 50 फीसदी तक की कमी आयी है. जानकारों का कहना है कि इसका असर सालाना टार्गेट पर पड़ेगा. बोकारो में दामोदर नदी व गरगा डैम में जलस्तर बढ़ गया है. इस वजह से गरगा डैम के दो गेट खोले गये हैं. खेत जलमग्न हो गये हैं. बेरमो में तेनुघाट डैम के सात गेट खोले गये हैं. इस वजह से डूब क्षेत्र में काफी खराब स्थिति हो गयी है.गिरिडीह :
उसरी नदी एवं खंडोली डैम का जलस्तर भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. शहर के कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गयी हैं, तो खेतों में लबालब पानी भरने के कारण फसल बरबाद हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

