धनबाद.
जिला उपभोक्ता आयोग धनबाद के अध्यक्ष ललित प्रकाश चौबे व सदस्य शिप्रा की खंडपीठ ने एक उपभोक्तावाद में फैसला सुनाया. आयोग ने विपक्षी शाखा प्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक चीरागोड़ा हीरापुर धनबाद को आदेश दिया कि वह दो माह के अंदर परिवादी दुर्गा वस्त्रालय हटिया रोड हीरापुर धनबाद निवासी कनुप्रिया चटर्जी को मानसिक पीड़ा और व्यथा के लिए 20 हजार रुपये मुआवजा तथा वाद खर्च के रूप में 10 हजार रुपए का भुगतान करे. साथ ही उनके बैंक खाते का संचालन करने की भी अनुमति दी. आयोग ने परिवादी को यह भी आदेश दिया कि वह एक माह में क्षतिपूर्ति बांड बैंक को प्रस्तुत करे. यदि विपक्षी बैंक तय समय सीमा में मुआवजा का भुगतान नहीं करता है तो अवार्ड की तारीख से वास्तविक भुगतान होने तक कुल अवार्ड राशि पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करना होगा.क्या है मामला
परिवादी ने 3.10.2012 को पंजाब नेशनल बैंक के चीरागोड़ा शाखा में बचत खाता खोला था. वर्ष 2016 में परिवादी की बहन साधोना भट्टाचार्जी ने 19 लाख 85 हजार 600 रुपये का चेक अपने भाई के बैंक खाते में जमा किया. बैंक खाते के लेनदेन के दौरान परिवादी ने पाया कि विपक्षी बैंक ने अनधिकृत रूप से बिना कोई नोटिस दिये चेक की राशि की निकासी पर रोक लगा दी थी. जब परिवादी ने बैंक प्रबंधक से संपर्क किया तो पता चला कि उक्त साधोना भट्टाचार्जी व उनके पति ने परिवादी के पक्ष में चेक की राशि का भुगतान करने का आग्रह किया था लेकिन विपक्षी बैंक ने आग्रह के बावजूद चेक की राशि का भुगतान नहीं किया. परिवादी ने इस संबंध में 20 जनवरी 2021 को जिला उपभोक्ता आयोग धनबाद में विपक्षी पंजाब नेशनल बैंक चिरागोड़ा के शाखा प्रबंधक के खिलाफ उपभोक्ता वाद संख्या 8/21 दायर किया था.
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