धनबाद.
जबलपुर हाइकोर्ट से कोयला अधिकारियों के वेतन विसंगति मामले में कोल इंडिया को बड़ी राहत मिली है. कोयला अधिकारियों के पे-अपग्रेडेशन मामले में सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें हाइकोर्ट ने कोयला मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी को आठ सप्ताह का समय दिया है, ताकि वह अधिकारियों के पे-अपग्रेडेशन के संबंध में अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी पक्ष को रिपोर्ट से असहमति है, तो वह कोर्ट में आ सकता है. कोर्ट ने डीपीई द्वारा नवंबर 2017 में जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट का यह निर्णय याचिकाकर्ताओं की बड़ी जीत मानी जा रही है.सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाई कोर्ट को रेफर किया था मामला
ज्ञात हो कि जबलपुर हाई कोर्ट ने आठ सितंबर 2023 को दिये अपने फैसले में कोयला मंत्रालय द्वारा 22 जून 2023 को 11वें वेतन समझौता को लागू करने के पत्र को रद्द कर दिया था. इसके बाद कोल इंडिया ने डबल बेंच में अपील की, जिसने सिंगल बेंच के फैसले पर स्टे लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में सुनवाई के बाद मामले को जबलपुर हाई कोर्ट को रेफर कर दिया.
वेतन विसंगति मामले को लेकर मंत्रालय व कोल इंडिया गंभीर
वेतन विसंगति व कोयला अधिकारियों के पे-अपग्रेडेशन मामले को लेकर कोयला मंत्रालय व कोल इंडिया प्रबंधन गंभीर है. 17 मार्च को कोल इंडिया चेयरमैन ने याचिकाकर्ताओं के साथ बैठक की थी. उन्होंने कहा कि प्रबंधन व मंत्रालय गंभीरता से वेतन विसंगति का समाधान करने के प्रयास में है. वहीं 19 मार्च को मंत्रालय ने संयुक्त सचिव बीबी पति की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया. कमेटी में कोल इंडिया के निदेशक एचआर, एमसीएल व एनसीएल के निदेशक (एचआर) व डीपीई के एक अधिकारी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

