Coal India Gift: धनबाद-कोल पेंशनधारियों को कोल इंडिया ने अपनी स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष में उपहार दिया है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, पेंशन फंड में 10 रुपये प्रति टन स्वैच्छिक सहयोग राशि देने की स्वीकृति कोल इंडिया बोर्ड से मिल गयी है. अब इसे स्वीकृति के लिए कोयला मंत्रालय भेजा जायेगा. वहां से स्वीकृति मिलते ही पेंशन फंड में यह राशि मिलनी शुरू हो जायेगी. अब तक कोल इंडिया सितंबर 2020 से 10 रुपये प्रति टन स्वैच्छिक सहयोग राशि पेंशन फंड में देते आ रही है. 20 रुपये स्वैच्छिक सहयोग राशि के भुगतान होने से पेंशन फंड अधिक टिकाऊ हो जायेगा.
दिनों-दिन घटती जा रही है अंशदान करनेवालों की संख्या
वर्तमान में पेंशन लेनेवालों की संख्या अधिक है, जबकि पेंशन फंड में अंशदान करनेवालों की संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है. कोल इंडिया पेंशन फंड में 10 रुपये प्रति टन सहयोग राशि दे रहा है. ऐसे में पेंशन फंड की स्थिरता के लिए सीएमपीएफओ के बीओटी ने जून 2024 में कोयला मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी. कमेटी की चौथी बैठक आठ जनवरी 2025 को हुई थी. इसमें तय हुआ था कि पेंशन फंड की स्थिरता बनाये रखने की जिम्मेदारी कोल इंडिया प्रबंधन की है. वहीं सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (बीओटी) की बैठक 17 जनवरी को कोयला सचिव विक्रम देव दत्त की अध्यक्षता में हुई थी. इसमें पेंशन स्कीम सुचारू रूप से चलाने के लिए पेंशन फंड को मजबूत करने पर जोर दिया गया.
कोयला सचिव ने प्रस्ताव भेजने का दिया था निर्देश
सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की 17 जनवरी की बैठक में सहमति बनी कि कोल इंडिया को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कोयला सचिव ने पेंशन फंड में कोल इंडिया द्वारा स्वैच्छिक सहयोग राशि देने के लिए प्रस्ताव बोर्ड से पारित कराने व सहयोग राशि देना शुरू करने की बात कही थी. कोयला सचिव ने कोल इंडिया चेयरमैन को कंपनी बोर्ड में निर्णय लेने व प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया था, ताकि पेंशन फंड की स्थिरता बनी रहे.
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