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Dhanbad News: आइआइटी आइएसएम का शताब्दी समारोह आज से, पीएम के प्रमुख सचिव होंगे मुख्य अतिथि

Dhanbad News: पहले ही दिन दिखायी जायेगी संस्थान की 100 साल की यात्रा की छवि

Dhanbad News: आइआइटी आइएसएम में गुरुवार से संस्थान के 100 साल की गौरवपूर्ण यात्रा के तहत शताब्दी स्थापना सप्ताह शुरू होगा. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ पीके मिश्रा करेंगे. राष्ट्रीय नीति-निर्माण, सुशासन और तकनीकी सुधारों में उनकी भूमिका संस्थान के इस ऐतिहासिक अवसर को और अधिक महत्व देती है. कार्यक्रम में शीर्ष वैज्ञानिक, वरिष्ठ प्रशासक, उद्योग जगत के नेता, ऊर्जा और भू-विज्ञान क्षेत्र के विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे. संस्थान के आधिकारिक बैनर पर इन सभी विशिष्ट अतिथियों के चित्र प्रदर्शित किये गये हैं. इसमें संस्थान के सौ वर्ष की कहानी भी दिखायी जायेगी. इसमें 1926 में रॉयल स्कूल ऑफ माइन्स, लंदन की तर्ज पर स्थापित यह संस्थान आज खनन, भू-विज्ञान, ऊर्जा विज्ञान, इंजीनियरिंग, डिजिटल टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और सतत विकास में राष्ट्रीय नेतृत्व की भूमिका आदि की कहानी दिखायी जायेगी. वहीं अंतिम दिन नौ दिसंबर को अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी मुख्य अतिथि होंगे.

पौधरोपण व रक्तदान से होगा कार्यक्रम की शुरुआत

मुख्य अतिथि पौधरोपण व रक्तदान से कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. पहले दिन संस्थान की परंपरा और सामाजिक प्रतिबद्धता को उजागर किया जायेगा. सुबह शताब्दी पौधरोपण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जो पर्यावरण संरक्षण और ‘ग्रीन कैंपस’ की दिशा में संस्थान के संकल्प को दर्शाता है. साथ ही, शताब्दी रक्तदान शिविर भी लगाया जायेगा.

विकसित भारत @2047 पर होगी परिचर्चा

पेनमैन ऑडिटोरियम में सुबह 10 बजे से शुरू होने वाले कार्यक्रम वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होगा. पहला प्रमुख सत्र अमृत काल विमर्श : विकसित भारत @2047 पर आयोजित होगा. इसमें विज्ञान, तकनीक, नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा पर विचार साझा किये जायेंगे.

टेक्नोलॉजी और स्किल इनिशिएटिव्स पर प्लेनरी लेक्चर

दोपहर के सत्र में अमृत काल विमर्श टेक्नोलॉजी व स्किल इनिशिएटिव्स फॉर विकसित भारत @2047” विषय पर विस्तृत प्लेनरी लेक्चर होगा. इसमें कौशल-उन्नयन, नवाचार पारितंत्र, उद्योगों के भविष्य और रणनीतिक तकनीकी क्षेत्रों में आईआईटी की भूमिका पर विशेषज्ञ विचार रखेंगे. साथ ही सांयकाल परिसर सांस्कृतिक रंगों से भर उठेगा, जब शंभू शिखर एवं समूह की प्रस्तुति के साथ कवि सम्मेलन और सांस्कृतिक संध्या आयोजित होगी. विज्ञान और तकनीक के साथ सांस्कृतिक समन्वय की यह परंपरा आइआइटी आइएसएम की विशिष्ट पहचान को अभिव्यक्त करती है.

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