बैंक का डाटा चोरी कर साइबर अपराधियों को बेचने के मामले में यशवंत के साथ कई लोग शामिल हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस ने बताया कि निजी बैंक के सेल्स मैनेजर सौरभ और उसके साथी यशवंत से ग्राहकों की डिटेल मांगते थे. हजारीबाग के यशवंत प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद उसे रिमांड पर लिया गया. रिमांड अवधि में पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह प्राइवेट बैंक की हजारीबाग शाखा में सीआरओ (ग्राहक संबंध अधिकारी) के रूप में काम करता है. उसकी मुलाकात सरायढेला के बैंक के शाखा के सेल्स मैनेजर सौरभ कुमार से हुई. सौरभ तिसरा थाना क्षेत्र के जिनागोड़ा निवासी है और अभी कुछ माह से धनसार थाना क्षेत्र के महावीर नगर में रह रहा था. दोनों में दोस्ती हो गयी. एक दिन सौरभ ने अभय नामक युवक से मिलवाया. इसके बाद सौरभ व अभय मोबाइल नंबर उपलब्ध कराकर यशवंत से उसकी डिटेल मांगते थे.
डिटेल उपलब्ध कराने पर यशवंत को मिलते थे पांच से छह हजार रुपये :
खाता में कितना रुपया है, खाता धारक कहां रहता है, उसकी जन्म तिथि की जानकारी लेते थे. पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के बाद यशवंत को पांच से छह हजार रुपये मिलते थे. यशवंत हर सप्ताह आठ से 10 ग्राहकों को पूरी डिटेल मुहैया कराता था. उन सभी डिटेल को स्नैपचैट के माध्यम से किसी को दे दिया जाता था. यशवंत से मिली जानकारी के आधार पर बंगाल पुलिस ने 18 अगस्त को सौरभ को सरायढेला से गिरफ्तार किया. पुलिस उसे कोलकाता ले गयी. पूरा मामला पश्चिम बंगाल के विधाननगर साइबर थाना में दर्ज है. पुलिस उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

