बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) में शैक्षणिक सत्र 2025-27 से स्नातकोत्तर (पीजी) नामांकन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी में नामांकन के लिए स्नातक (यूजी) में ऑनर्स की अनिवार्यता को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. इसके लिए पीजी रेगुलेशन में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसे जल्द ही एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लाया जायेगा. विश्वविद्यालय की नई शिक्षा नीति (एनइपी) सेल द्वारा तैयार इस प्रस्ताव का उद्देश्य उन छात्रों को लाभ देना है, जो इस वर्ष से लागू हो रही नयी व्यवस्था के तहत तीसरे वर्ष में स्नातक कोर्स से बाहर निकलने (एग्जिट) का विकल्प चुनेंगे. एनइपी 2020 के अनुसार स्नातक चार वर्षीय पाठ्यक्रम होगा, लेकिन बड़ी संख्या में छात्र तीसरे वर्ष में पढ़ाई समाप्त कर केवल ग्रेजुएशन की डिग्री लेकर आगे बढ़ेंगे. अब तक ऐसे छात्रों के पास पीजी में नामांकन की पात्रता नहीं थी, क्योंकि उनके पास ऑनर्स की डिग्री नहीं होती थी. लेकिन यदि यह अनिवार्यता समाप्त कर दी जाती है, तो तीसरे वर्ष में स्नातक पूरा करने वाले भी पीजी में दाखिला ले सकेंगे. इससे विश्वविद्यालय में नामांकन प्रभावित नहीं होगा.
यूजी चौथे वर्ष में छात्रों के सामने दो विकल्प :
एनइपी के तहत स्नातक पाठ्यक्रम के चौथे वर्ष में छात्रों को दो विकल्प दिये जाएंगे. पहला विकल्प होगा ऑनर्स विद रिसर्च. यह विकल्प उन छात्रों के लिए होगा जो शोध क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहते हैं. इसके लिए न्यूनतम पात्रता होगी कि छात्र छठे सेमेस्टर तक 7.5 सीजीपीए या 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करें. बीबीएमकेयू में फिलहाल लगभग पांच हजार छात्र इस पात्रता को पूरा कर सकते हैं. दूसरा विकल्प होगा ऑनर्स डिग्री. यह विकल्प उन छात्रों के लिए होगा जो शोध की दिशा में आगे नहीं बढ़ना चाहते. ऐसे छात्र चौथे वर्ष तक नियमित अध्ययन कर ऑनर्स डिग्री प्राप्त कर सकेंगे.ऑनर्स विद रिसर्च के लिए बनेगा क्लस्टर सिस्टम :
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सभी कॉलेजों में ऑनर्स विद रिसर्च की पढ़ाई संभव नहीं होगी. इसके लिए आवश्यक शर्त यह होगी कि संबंधित विषय में कॉलेज में कम से कम दो नियमित शिक्षक पीएचडी डिग्रीधारी हों. इस कारण बीबीएमकेयू उन कॉलेजों का क्लस्टर सिस्टम बनाने जा रहा है, जहां यह सुविधा उपलब्ध हो. विश्वविद्यालय इस बात पर भी विचार कर रहा है कि रिसर्च पेपर की पढ़ाई सीधे विश्वविद्यालय स्तर पर करायी जाये, ताकि छात्रों को बेहतर शोध वातावरण और मार्गदर्शन मिल सके. हालांकि रिसर्च विकल्प चुनने वाले छात्र अपने मूल कॉलेज के ही विद्यार्थी बने रहेंगे.नामांकन प्रक्रिया होगी लचीली
एनइपी के अनुरूप किए जा रहे इन बदलावों से छात्रों को अधिक लचीलापन मिलेगा. अब तक केवल ऑनर्स धारक ही पीजी में प्रवेश पा सकते थे, लेकिन नये प्रस्ताव के लागू होने से सामान्य स्नातक (थ्री इयर एग्जिट) पूरा करने वाले छात्र भी उच्च शिक्षा का अवसर प्राप्त कर सकेंगे.
– डॉ हिमांशु शेखर चौधरी,
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