धनबाद : पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की अंतिम विदाई एक कद्दावर जन नेता के रूप में हुई. सांसद, विधायक जैसे किसी पद पर नहीं रहने के बावजूद उनके घर से शमशान घाट तक जिस तरह समर्थकों, चाहने वालों की भीड़ उमड़ी. उसने साबित कर दिया कि कोयलांचल की राजनीति में नीरज सिंह की गहरी पैठ थी. मंगलवार की शाम हत्या की राजनीति के शिकार हुए पूर्व डिप्टी मेयर की अंतिम यात्रा बुधवार को उनके सरायढेला स्थित आवास रघुकुल से प्रारंभ हुई. सुबह छह बजे से ही रघुकुल में समर्थकों की भीड़ जुटने लगी थी. लोग अपने दिवंगत नेता की एक झलक देखने को बेताब थे. नीरज सिंह का शव आवास के बरामदा में रखा गया था.
यहां परिजन विलाप कर रहे थे. जबकि समर्थक भी रोते-रोते आ रहे थे. पूर्वाह्न 11 बजे के करीब शव यात्रा की तैयारी शुरू हुई. डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह, उनके भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह ने खुद सबसे पहले अपने अग्रज की अर्थी को कांधा दिया. इस दौरान माहौल गमगीन हो गया था. अर्थी को रघुकुल के बाहर खड़े 407 में रखा गया. पूर्वाह्न 11.30 बजे के करीब अंतिम यात्रा शुरू हुई. 23.47 िकमी दूरी तय करने में करीब चार घंटे लग गये. जब तक सूरज-चांद रहेगा नीरज तेरा नाम रहेगा, नीरज सिंह अमर रहें का नारा लगाते हुए समर्थकों की टीम बाइक व चार पहिये वाहन से चल रहे थे.
स्टील गेट से ले कर धनसार चौक तक श्रद्धांजलि
शव यात्रा को सबसे पहले स्टील गेट, जहां मंगलवार की शाम नीरज समेत चार लोगों की हत्या हुई थी, को रोका गया. यहां पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी हुई. साथ ही समर्थकों ने दिवंगत नेता के शरीर पर फूल बरसाये. यहां के बाद रास्ते में सीएमपीएफ कार्यालय, रणधीर वर्मा चौक, बैंक मोड़ चौक, धनसार चौक पर भी शव यात्रा को रोक कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. पूरे रास्ते में समर्थक व चाहने वाले सड़क की दोनों तरफ खड़े थे. छतों पर से भी लोग मोबाइल में फोटो लेते रहे.