धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह अपने परिवार को माफिया की छवि से उबारना चाहते थे. नीरज सिंह ने एनडीटीवी न्यूज चैनल के साथ एक बातचीत में कहा था कि मैं अपने परिवार से माफिया का टैग हटाना चाहता हूं. अपनी परिवारिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए नीरज सिंह ने कहा था कि कोई भी छोटी-सी घटना हो जाती है तो लोग हमारे परिवार से जोड़ देते हैं, क्योंकि हमारे पीछे एक टैग लगा हुआ है. बातचीत के दौरान उन्होंने स्वीकारा था कि परिवारिक पृष्ठभूमि से दिक्कत होती है,कहींभी जाओ तो लोग डरते हैं. उन्होंने इस बातचीत के दौरान कहा था लेकिन अब बदलाव हो रहा है. हम जितने भाई हैंउनकीयह कोशिश है कि इस छवि सेउबरें. परिवार में हमारी पीढ़ी के जितने लोग हैं, सबलोग पब्लिक के बीच में जाकर जो भी दाग लगे हैं उसे क्लियर करने की कोशिश कर रहे हैं. इस कोशिश में हम कामयाब भी हो रहे हैं.
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माफिया का टैग मिटाना चाहते थे नीरज सिंह
धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह अपने परिवार को माफिया की छवि से उबारना चाहते थे. नीरज सिंह ने एनडीटीवी न्यूज चैनल के साथ एक बातचीत में कहा था कि मैं अपने परिवार से माफिया का टैग हटाना चाहता हूं. अपनी परिवारिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए नीरज सिंह ने कहा था कि कोई […]
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पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह अपने छोटे भाई मुकेश सिंह की मौत के बाद धनबाद शिफ्ट हुए थे. बीटेक करने के बाद रांची में रियल इस्टेट कारोबार करने वाले नीरज सिंह धनबाद की राजनीति से दूर रहते थे. वर्ष 2009 में उनके अनुज मुकेश सिंह, जो यहां परिवार का कारोबार संभालते थे, की मौत हीरक रोड में एक सड़क दुर्घटना में हो गयी थी. चार भाइयों में नीरज सबसे बड़े तथा मुकेश तीसरे नंबर पर थे. मुकेश की मौत के बाद परिजनों के दबाव में नीरज धनबाद में शिफ्ट हुए. यहां व्यवसाय के साथ राजनीति में सक्रिय हुए. उनकी पैठ हर दल के कार्यकर्ताओं में थी.
कोयलांचल के ताकतवर राजनीतिक घराने सिंह मैंशन परिवार से आनेवाले नीरज ने धौंसपट्टी की राजनीति से इतर अपनी शालीन राजनीतिक छवि बनायी. पढ़ाई के बाद वह खुद का व्यवसाय कर रहे नीरज अचानक नवंबर, 2009 के विधानसभा चुनाव में धनबाद से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए.उनकीपहली प्रतिक्रिया थी-‘‘यह पैसे के दम पर की गयी मूर्खता है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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