धनबाद. नीरज सिंह के साथ मारे गये निजी सहायक अशोक यादव पिछले सात वर्षों से उनके साथ साये की तरह रह रहे थे. वर्ष 2009 में जब नीरज सिंह ने भाजपा से बगावत कर धनबाद से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया तब अशोक यादव भाजपा छोड़ उनके साथ जुड़े थे. भाजपा में सरायढेला शाखा के अध्यक्ष रहे अशोक यादव मृदुभाषी थे.
वे न्यू कॉलोनी में रहते थे. वह अपने पीछे पत्नी, एक पुत्री व दो पुत्र छोड़ गये हैं. बच्चे राजकमल स्कूल में पढ़ते हैं. जबकि मां-पिता वैशाली (बिहार) में रहते हैं. उनकी कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए 2015 में निगम के चुनाव के बाद डिप्टी मेयर बने एकलव्य सिंह का सरकारी पीए बनाया गया था. नीरज सिंह के साथ मारे गये मुन्ना तिवारी पिछले कई वर्षों से उनके साथ जुड़े हुए थे. अक्सर नीरज सिंह के साथ ही रहते थे. वे मूलत: विंध्याचल के रहने वाले थे.
परिवार के वफादार चालक थे घोलटू
घटना में मारे गये घोलटू भी रघुकुल परिवार का वफादार चालक था. अक्सर नीरज सिंह या परिवार के अन्य सदस्य को हमेशा घर से बाहर ले कर जाता था. एक बार सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल घोलटू को बचाने के लिए नीरज सिंह ने मिशन अस्पताल दुर्गापुर में इलाज करवाया था. लाखों रुपये खर्च कर उसे बचाया था. घोलटू पहले नीरज सिंह के मौसा संजय सिंह के चालक थे.