पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर में आतंकवादी संगठन द्वारा बगोदर प्रखंड के दोंदलो के चार एवं मुंडरो के एक प्रवासी मजदूर को अगवा किये जाने का मामला शुक्रवार को लोक सभा में उठा. संसद के शीतकालीन सत्र में बिहार के आरा के सांसद सुदामा प्रसाद ने यह मुद्दा उठाया. कार्य स्थल पर आठ माह पूर्व इन मजदूरों को अगवा कर लिया गया था. तब से उनका पता नहीं चल रहा है. सांसद के सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने सदन को बताया कि सरकार ने नियामे स्थित अपने दूतावास और नयी दिल्ली स्थित नाइजर दूतावास के माध्यम से नाइजर सरकार के समक्ष यह मामला उठाया है. अगवा किये गये भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और शीघ्र रिहाई के लिए नाइजर सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. नाइजर के प्राधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि अगवा किये गये भारतीय नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं. इस संबंध में सरकार नाइजर के संबंधित प्राधिकारियों से लगातार संपर्क में है.
मजदूरों के परिजनों में बढ़ती जा रही है चिंता
पांचों प्रवासी मजदूर जनवरी 2024 में काम करने नाइजर गये थे. 25 अप्रैल 2025 को कल्पतरु कंपनी की साइट पर काम के दौरान आतंकियों ने हमला कर दिया था. सैनिकों और आतंकियों के बीच फायरिंग में 12 सैनिकों और एक स्थानीय मजदूर की मौत हो गयी थी. आतंकियों ने घटना को अंजाम देने के बाद बगोदर के दोंदलो के चार प्रवासी मजदूर फलजीत महतो, राजू महतो, संजय महतो, चंद्रिका महतो और मुंडरो के उत्तम महतो को अगवा कर लिया था. इन्हें अब तक रिहा नहीं किया गया है. मजदूरों की रिहाई नहीं होने से परिजनों में चिंता बढ़ती जा रही है.
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