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28 फर्जी कंपनियों ने की 132 करोड़ की टैक्स चोरी

28 फर्जी कंपनियों ने 132 करोड़ की जीएसटी की चोरी की है.

धनबाद : 28 फर्जी कंपनियों ने 132 करोड़ की जीएसटी की चोरी की है. वाणिज्यकर की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इन फर्जी कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस को फर्जी कंपनियों का आइपी एड्रेस सौंपा जा रहा है. मामला 2018-2020 का है. वाणिज्यकर अधिकारी के मुताबिक कागज पर कोयला की खरीद-बिक्री कर आइटीसी(इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ लिया गया.

बिक्री में वाणिज्यकर को मिलनेवाला टैक्स आइटीसी के साथ एडजस्ट कर फर्जी कंपनियां डकार गयीं. नियम के मुताबिक बिके माल का 3 बी रिटर्न दाखिल करना होता है. कंपनी द्वारा रिटर्न दाखिल नहीं करने पर जांच में एक के बाद एक फर्जी कंपनी का मामला सामने आने लगा.

ई वे बिल पर 5000 करोड़ रुपये का हुआ कारोबार

फर्जी कंपनियों ने ई वे बिल पर लगभग पांच हजार करोड़ का कोयला व लोहा का कारोबार किया. यह खेल 2018 में शुरू हो गया. जुलाई 2019 से मामला सामने आने लगा. 2020 में भी कई मामले सामने आये. वाणिज्यकर ने 28 कंपनियों पर माल का पांच प्रतिशत जीएसटी, 400 रुपये प्रति टन शेष व पेनाल्टी मिलाकर लगभग 132 करोड़ टैक्स टैक्स जेनेरेट किया है.

ई-वे बिल निकालने की कोई लिमिट नहीं

एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ. जीएसटी में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के प्रावधान का लोगों ने फायदा उठाया. फर्जी कंपनी बनाकर जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवा लिया. ई वे बिल (परमिट) निकालने की भी कोई लिमिट नहीं रहने से फर्जी कंपनियों ने करोड़ों का परमिट जेनेरेट कर कोयला व लोहा बेच दिया.

अब जीएसटी रजिस्ट्रेशन में आधार अनिवार्य

वाणिज्यकर अधिकारी के मुताबिक, अब जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है. लगातार टैक्स चोरी के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है. आधार नंबर रहने पर तीन दिनों में जीएसटी का रजिस्ट्रेशन मिलता है. अगर आधार नहीं है तो स्पॉट वेरिफिकेशन के बाद ही जीएसटी नंबर जारी किया जाता है. आधार की अनिवार्यता पर फर्जी कंपनियों के मामलों में रोक लगी है.

28 कंपनी पर प्राथमिकी एक की हुई गिरफ्तारी

28 फर्जी कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गयी है. फर्जी कंपनियों का मुख्य सरगना आज भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. कुछ माह पहले पुलिस ने शेल कंपनी से जुड़े व्यक्ति सत्यनारायण सिन्हा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. पिछले दिनों नारायणी ट्रेडर्स मामले में एक चाउमिन विक्रेता का नाम सामने आया था.

posted by : sameer oraon

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