30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

झारखंड : कानूनी रूप से विधायक रहने योग्य नहीं हैं ढुलू, जानें किसने कही ये बात

पूर्व स्पीकर को ही अयोग्य कर देना चाहिए था सुप्रीम कोर्ट के आदेश की हो रही अवहेलना जिला प्रशासन ने भी किया पक्षपात धनबाद : पूर्व सांसद राज किशोर महतो ने कहा है कि कानूनी रूप से बाघमारा के विधायक ढुलू महतो विधानसभा के सदस्य रहने योग्य नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसला के अनुसार […]

पूर्व स्पीकर को ही अयोग्य कर देना चाहिए था

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की हो रही अवहेलना
जिला प्रशासन ने भी किया पक्षपात
धनबाद : पूर्व सांसद राज किशोर महतो ने कहा है कि कानूनी रूप से बाघमारा के विधायक ढुलू महतो विधानसभा के सदस्य रहने योग्य नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसला के अनुसार उनकी सदस्यता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को ही रद्द कर देना चाहिए था. वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व विधायक श्री महतो ने मंगलवार को यहां प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केरल के विधायक जय राजन के संबंध में जो आदेश दिया था. उसके परिप्रेक्ष्य में बाघमारा विधायक की सदस्यता तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव को समाप्त कर देना चाहिए था, लेकिन रघुवर सरकार के दबाव में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने बाघमारा विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं की.
जीआर केस नंबर 2023/2013 में बाघमारा विधायक को अलग-अलग धाराओं में कुल 72 माह की सजा हुई थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि दो वर्ष से अधिक की सजा पर सदस्यता चली जानी चाहिए. कहा कि वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. बाघमारा विधायक की सदस्यता बरकरार रहना कानून के सम्मान के खिलाफ है.
निर्वाची पदाधिकारी की भूमिका पर उठाया सवाल
श्री महतो ने कहा कि बाघमारा के निर्वाची पदाधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है. जब प्रत्याशी के रूप में ढुलू महतो ने अपनी सजा का उल्लेख किया था, तब निर्वाची पदाधिकारी को उनका नामांकन पत्र ही रद्द कर देना चाहिए था. कहा कि तत्कालीन सीएम रघुवर दास के दबाव में जिला एवं पुलिस प्रशासन ने पांच वर्षों तक ढुलू महतो के साम्राज्य को फलने-फूलने दिया. वहां रंगदारी का खेल चला. कई माह तक कोयला का उठाव बंद रहा. लेकिन, प्रशासन ने कुछ नहीं किया. विधानसभा में भी मामला उठा था. विधानसभा अध्यक्ष ने लोडिंग मजदूरों को भुगतान बैंक खाता के माध्यम से करने का निर्देश दिया था. लेकिन, प्रशासन ने इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की. छह माह से ज्यादा समय से यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें