हाइकोर्ट के निर्देश के बाद भी सुस्त है कार्रवाई की गति
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मेसर्स देवप्रभा को ब्लैकलिस्ट करने का मामला कहां लटका?
हाइकोर्ट के निर्देश के बाद भी सुस्त है कार्रवाई की गति धनबाद : आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स देवप्रभा को ब्लैकलिस्ट करने संबंधी प्रस्ताव कहां लटका है, यह पता नहीं चल पा रहा है. झारखंड हाइकाेर्ट ने आदेश दिया था कि सीवीसी यानी केंद्रीय सतर्कता आयोग इस मामले में एक निर्धारित समय में फैसला ले. वैसे बीसीसीएल […]
धनबाद : आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स देवप्रभा को ब्लैकलिस्ट करने संबंधी प्रस्ताव कहां लटका है, यह पता नहीं चल पा रहा है. झारखंड हाइकाेर्ट ने आदेश दिया था कि सीवीसी यानी केंद्रीय सतर्कता आयोग इस मामले में एक निर्धारित समय में फैसला ले. वैसे बीसीसीएल सूत्राें का कहना है कि उसने सारे दस्तावेज सीवीसी को रेफर कर दिये हैं. फिलहाल झारखंड हाइकोर्ट के निर्देश के करीब दाे माह हाे गये हैं. आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स देवप्रभा पर आराेप है कि आउटसोर्सिंग का काम लेने के लिए उसने बीसीसीएल काे गलत जानकारी दी.
क्या है मामला : आराेप है कि बस्ताकोला एरिया के शिमलाबहाल में टेंडर हासिल करने के लिए आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स देवप्रभा ने जो अनुभव प्रमाण पत्र का जमा किये थे, वे फर्जी हैं. बीसीसीएल प्रबंधन ने उक्त आउटसोर्सिंग कंपनी को पूर्व में शो-कॉज नोटिस दिया था. कंपनी इस नाेटिस के जवाब में हाइकोर्ट गयी. कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एससी मिश्रा व न्यायमूर्ति दीपक रोशन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा : इस मामले पर सीवीसी निर्धारित समय में अंतिम फैसला लें.
वहीं कोर्ट ने आउटसोर्सिंग कंपनी को आदेश के दो सप्ताह के भीतर बीसीसीएल के शो-कॉज का जवाब देने को कहा. आउटसोर्सिंग कंपनी का जवाब मिलने के पश्चात बीसीसीएल को सारे दस्तावेज सीवीसी को सौंपने को कहा गया था, ताकि वह आगे की कार्यवाही सुनिश्चित कर सके.
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