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स्टार्टअप कल्चर डेवलप करेंगे धनबाद आइआइटी व बीआइटी

धनबाद-रांची : राज्य के युवाओं के बीच स्टार्टअप कल्चर डेवलप करने की नयी जिम्मेवारी आइआइटी आइएसएम, बीआइटी सिंदरी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची को सौंपी गयी है. अभी राज्य में अटल बिहारी वाजपेयी इनोवेशन लैब की स्थापना की जा रही है. इसके तहत रविवार को रांची के बीएनआर चाणक्य होटल में स्टार्टअप झारखंड -हैकथॉन 2019 के […]

धनबाद-रांची : राज्य के युवाओं के बीच स्टार्टअप कल्चर डेवलप करने की नयी जिम्मेवारी आइआइटी आइएसएम, बीआइटी सिंदरी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची को सौंपी गयी है. अभी राज्य में अटल बिहारी वाजपेयी इनोवेशन लैब की स्थापना की जा रही है. इसके तहत रविवार को रांची के बीएनआर चाणक्य होटल में स्टार्टअप झारखंड -हैकथॉन 2019 के दौरान राज्य सरकार की झारखंड इनोवेशन लैब ने इन तीनों संस्थानों के साथ मुख्यमंत्री रघुवर दास की उपस्थिति में एक एमओयू साइन किया है.

इस एमओयू पर राज्य सरकार की ओर से आइटी निदेशक उमेश साह और तीनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये. बीआइटी सिंदरी की ओर से निदेशक प्रो डीके सिंह ने हस्ताक्षर किया. प्रो सिंह ने बताया कि यह राज्य सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी योजना है. इसमें सहयोग के लिए उनका संस्थान पूरी तरह से तैयार है. बीआइटी सिंदरी का इंक्यूवेशन लैब काफी बेहतर काम कर रहा है. अब इसका लाभ राज्य के इनोवेटिव युवा उठा सकते हैं.
हैकथॉन-2019 की पृष्ठभूमि
हैकथॉन में भाग लेने के लिए झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों से कुल 410 अॉनलाइन आवेदन आये थे. इसके बाद आइटी विभाग की तकनीकी टीम ने इनमें से 50 का चयन प्रदर्शन के लिए किया. तीन को छोड़ 47 प्रतिभागी दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल हुए तथा ई-गवर्नेंस, स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा, आइटी, स्मार्ट सिटी व अार्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे छह क्षेत्रों में अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से सुझाव दिये. सभी क्षेत्र के एक-एक सर्वश्रेष्ठ आइडिया के लिए प्रतिभागियों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला.
स्टार्टअप को झारखंड कैसे कर रहा सहयोग
युवाओं की नयी सोच व नये आइडिया को प्रोमोट करने के लिए झारखंड सरकार ने वर्ष 2016 में स्टार्टअप पॉलिसी बनायी है. यह पॉलिसी पढ़ाई पूरी कर चुके युवाओं की जोखिम कम करती है. रोजगार से पहले उन्हें स्टाइपेंड देती है.
इसमें स्टार्टअप को प्रोमोट करने के लिए वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है. आइडिया डेवलप हो जाये, तो इसे बिजनेस का रूप देने व मार्केटिंग करने के लिए भी उद्योग विभाग के वेंटर फंड के माध्यम से वित्तीय सहायता, जमीन व स्पेस उपलब्ध कराया जाता है. शिक्षण संस्थानों में इनक्यूबेशन सेंटर बनाने के लिए संस्थानों को फंड दिया जाता है. यहां युवा स्टार्टअप पर काम कर सकते हैं.

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