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धनबाद : अस्पताल की शोभा बढ़ा रहे रिजेक्टेड अग्निशमन यंत्र

धनबाद : पीएमसीएच में मरीजों का इलाज हो या नहीं, लेकिन सामानों व उपकरणों की खरीदारी में प्रबंधन की सक्रियता देखते ही बनती है. 40 लाख रुपये से रातों रात खरीदे गये अग्निशामक यंत्र अस्पताल की शोभा बढ़ा रहे हैं. हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद अभी तक इन रिजेक्टेड यंत्रों काे हटा कर यहां […]

धनबाद : पीएमसीएच में मरीजों का इलाज हो या नहीं, लेकिन सामानों व उपकरणों की खरीदारी में प्रबंधन की सक्रियता देखते ही बनती है. 40 लाख रुपये से रातों रात खरीदे गये अग्निशामक यंत्र अस्पताल की शोभा बढ़ा रहे हैं. हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद अभी तक इन रिजेक्टेड यंत्रों काे हटा कर यहां पर नये अग्निशमन यंत्र नहीं लगाये गये.
अस्पताल में सुरक्षा की नहीं कोई व्यवस्था
पीएमसीएच में लगाये गये उपकरणों को मुख्यालय के विशेषज्ञों की टीम ने प्रभावहीन पाया था, गुणवत्ता विहीन यंत्र को आग लगने के बाद बुझाने के लिए पर्याप्त नहीं पाया गया. टीम ने इसकी सूचना हाइ कोर्ट को दी थी. इसके बाद कोर्ट ने गुणवत्तापूर्ण नये यंत्र लगाने का निर्देश दिया था.
फिलहाल अस्पताल में आगजनी की घटना पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है. बता दें कि एमसीआइ का हवाला देकर लगभग 120 से अधिक यंत्रों को अस्पताल में लगाया गया था, लेकिन इसके अंदर डाले गये केमिकल जांच में उच्च क्वालिटी के नहीं मिले थे.
दो बार हो चुकी है शाॅर्ट-सर्किट की घटनाएं
पीएमसीएच में इससे पहले दो बार शॉर्ट-सर्किट की घटनाएं हो चुकी हैं. हालांकि किसी तरह इस पर काबू पाया गया. लेकिन आइसीयू, इमरजेंसी, सीसीयू सहित कई ऐसे वार्ड हैं, जो अतिसंवेदनशील हैं.
यहां पर काफी संख्या में तार व उपकरण एक-दूसरे से जुड़े हैं. एमसीआइ की टीम ने भी इतने मात्रा में तार देकर कर नाराजगी जतायी थी. यहां शॉर्ट-सर्किट की घटना की काफी आशंका रहती है.
रातोंरात लगाये गये थे यंत्र
रिम्स (रांची) में आगजनी की घटना के बाद हाइ कोर्ट ने सभी मेडिकल काॅलेजों में अग्नि शमन यंत्र की जांच करायी थी, जिसमें पीएमसीएच में लगाये गये यंत्र को मानकों पर खरा नहीं पाया गया. एमसीआइ की टीम के आगमन को देखते हुए छह फरवरी 2018 की रातोंरात अग्नि शमन यंत्र को पीएमसीएच परिसर में स्थापित कर दिया गया था.

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