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मृत छात्र के पिता यूपी में हैं पुलिस अफसर, बोलते-बोलते रो पड़े , रंजन बहुत बीमार है कह कर आया हूं, उसकी मां को अब क्या बताऊंगा
धनबाद : साहब मुझ में काफी हिम्मत है लेकिन मैं आज टूट गया हूं. मैं कैसे इसकी मां को इसकी मौत की खबर बताऊंगा. सोच कर दिल कांप जा रहा है. उससे यह कह कर आया हूं कि बेटा बहुत बीमार है. यह कहना था आइआइटी आइएसएम में आत्महत्या करने वाले रिसर्च स्कॉलर रंजन राठी […]
धनबाद : साहब मुझ में काफी हिम्मत है लेकिन मैं आज टूट गया हूं. मैं कैसे इसकी मां को इसकी मौत की खबर बताऊंगा. सोच कर दिल कांप जा रहा है. उससे यह कह कर आया हूं कि बेटा बहुत बीमार है. यह कहना था आइआइटी आइएसएम में आत्महत्या करने वाले रिसर्च स्कॉलर रंजन राठी के पिता व यूपी पुलिस में अधिकारी उदय भान सिंह राठी का.
वह शुक्रवार की देर शाम मुरादाबाद से सीधे पीएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे. वह यहां आइएसएम के अधिकारियों और शिक्षकों से रोते हुए अपने दिल की बात कर कह रहे थे.
रात 10.30 बजे मां से की थी बात : श्री राठी खुद संभालने की कोशिश करते हुए बार-बार फफक-फफक कर रो रहे थे. उन्होंने शिक्षकों को बताया कि गुरुवार को रात 10.30 बजे अंतिम बार अपनी मां पूनम राठी से बातचीत की थी. लेकिन इस दौरान एक बार भी उसने किसी चीज की शिकायत या नाराजगी नहीं दिखायी थी. एक बार भी ऐसा नहीं सोचा था कि उनका इकलौता बेटा ऐसा कदम उठायेगा. उनसे अंतिम बार 19 सितंबर की शाम बातचीत हुई थी.
उन्होंने बताया कि उनकी एक और बेटी भी है, वह भी इंजीनियर है. टीसीएस में काम करती है.तड़के तीन बजे तक ऑन था मोबाइल : श्री राठी ने बताया कि उनके बेटा मोबाइल पर शुक्रवार तड़के तीन बजे तक मैसेंजर पर लाइव था. उन्हें लगता है कि इसके बाद उसने आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम उठाया होगा.
रात आठ बजे डीएसडब्ल्यू का कार्यालय गया था : गुरुवार की शाम आठ बजे उसे संस्थान के डीएसडब्ल्यू के कार्यालय में देखा गया था. तब वह बिल्कुल सामान्य था. इसके बाद रात साढ़े 10 बजे उसने अंतिम बार अपनी मां पूनम राठी से बातचीत की. इसके बाद वह अपने रूम में चला गया. देर रात उसकी मां रंजन के रूम-मेट व मैकेनिकल ब्रांच में दूसरे रिसर्च स्कॉलर को फोन कर उसके संबंध में जानकारी मांगी. बताया कि रंजन फोन रिसीव नहीं कर रहा है.
प्रत्युष ने उसकी मां को जवाब दिया कि गुरुवार को ही वह अपने घर रांची आ गया है. प्रत्युष ने दूसरे कमरों में मौजूद अन्य साथियों से रंजनके बारे में जानकारी मांगी. शुक्रवार सुबह लगभग चार बजे अन्य साथी रूम खटखटाने लगे. जवाब नहीं मिलने पर इन लोगों ने कमरे के वेंटिलेटर से अंदर झांका तो देखा कि रंजन कमरे की छत में लगे पंखे के सहारे फांसी लगा ली है.
सूचना मिलते ही पहुंचे निदेशक : वहीं छात्र द्वारा खुदकुशी की सूचना मिलते ही निदेशक प्रो राजीव शेखर, रजिस्ट्रार डॉ (कर्नल) एमके सिंह, डीएसडब्ल्यू प्रो एमके सिंह, मुख्य सुरक्षा अधिकारी राममनोहर, जैसपर हॉस्टल के चीफ वार्डन डॉ एसीएस राव समेत अन्य वार्डेन मौके पर पहुंच गये.
शिक्षक भी हतप्रभ : रंजन द्वारा आत्महत्या कर लिये जाने से विभागीय शक्षिक अवाक हैं. वह पढ़ाई के साथ अन्य अतिविधियों बढ़-चढ़ कर हस्सिा लेता था. उसे साइकिलिंग काफी पसंद थी. इसमें वह काफी अच्छा खिलाड़ी माना जाता था.
नौकरी छोड़ करने आया था पीएचडी
उदयभान कहते हैं कि जब रंजन ने आइआइटी आइएसएम से एमटेक की पढ़ाई पूरी कर ली थी. तब उन्होंने उसकी अच्छी कंपनी में नौकरी भी लगवा दी. लेकिन कुछ दिन नौकरी करने के बाद वह पीएचडी करने की बात कह कर नौकरी छोड़ दी और वापस आइएसएम आ गया. उन्होंने हमेशा उसी की खुशी में अपनी खुशी देखी थी. इसलिए उसकी यह बात भी मान ली थी.
2015 से था आइएसएम का छात्र : रंजन ने बीटेक तक की पढ़ाई मुरादाबाद में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) से की थी. इसके बाद वर्ष 2015 में उसने आइआइटी आइएसएम के एमटेक कोर्स में नामांकन लिया था. एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इसी वर्ष यहां पीएचडी में नामांकन लिया था. पीएचडी में नामांकन लिए हुए प्रवेश परीक्षा में वह अव्वल रहा था.
मृत बेटे का लैपटॉप व मोबाइल लेते कांप रहे थे हाथ
उदय भान सिंह राठी के साथ यूपी पुलिस के अन्य अधिकारी भी आये थे. इन लोगों ने मामले की जांच अधिकारी से व आइआइटी आइएसएम के रजिस्ट्रार कर्नल एमके सिंह से घटनास्थल का ब्योरा लिया. साथ देर रात जैसपर हॉस्टल के बी ब्लॉक के रूम 449 का जायजा लिया. इसके बाद देर रात सभी सड़क मार्ग से शव लेकर मुरादाबाद लौट गये. जाने से पहले रंजन राठी के पिता की मांग पर धनबाद पुलिस ने उन्हें उसका लैपटॉप और मोबाइल सौंप दिया.
पोस्मार्टम रिपोर्ट में कारण हैंगिंग
रंजन के पिता उदय भान सिंह राठी से इजाजत लेने के बाद पीएमसीएच में सुबह में शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. पोस्टमार्टम में मौत की वजह हैंगिंग बतायी गयी है. पोस्टमार्टम के बाद शव वहीं पर डीप फ्रीज में रख दिया गया था. परिजनों के आने के बाद शव को वहीं से सौंप दिया गया.
यूडी केस दर्ज : धनबाद थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर अशोक सिंह के अनुसार हॉस्टल के वार्डन राकेश कुमार के लिखित शिकायत पर यूडी केस दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया पुलिस प्रेम प्रसंग के एंगल से भी मामले की जांच कर रही है. हालांकि इस संबंध में परिजन व साथी कोई भी जानकारी से अनिभिज्ञता व्यक्त की.
पूरी रात जागते रहे अधिकारी
धनबाद. गुरुवार का दिन आइआइटी आइएसएम के लिए काला दिन रहा. गुरुवार की शाम संस्थान के तीन छात्रों को सिटी सेंटर में लड़कियों से बदसलूकी के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया था. उसे सलटाने में प्रबंधन को मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि लड़कियों द्वारा लिखित शिकायत नहीं देने के कारण छात्रों को पीआर बॉन्ड भरा कर छोड़ दिया गया था. संस्थान के निदेशक सहित अधिकारी संस्थान में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए मंथन ही कर रहे थे कि देर शाम डायमंड हॉस्टल में इन्हीं छात्रों की वजह से दो गुट आपस में भिड़ गये थे.
इसकी सूचना मिलते ही संस्थान के निदेशक प्रो राजीव शेखर व मुख्य सुरक्षा अधिकारी आनन-फानन में हॉस्टल पहुंचे. हालांकि इनके पहुंचने से सभी छात्र वापस अपने कमरे में लौट गये. इसको लेकर देर रात सभी जागते रहे. मामला वहां बीटेक अंतिम वर्ष और ड्यूल डिग्री अंतिम वर्ष के छात्रों के बीच का था. इससे निबटाने के बाद सभी अधिकारी अभी सोने ही गये थे कि जैसपर हॉस्टल में रिसर्च स्कॉलर रंजन के आत्महत्या कर लेने की खबर आ गयी. इसके बाद एक बार फिर सभी वापस जैसपर हॉस्टल पहुंच गये.
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