धनबाद : शिशु व मातृ मुत्यु दर कम करने के लिए सरकार की ओर से चलायी जा रही ममता वाहन योजना का लाभ धनबाद में रात में नहीं मिल रहा है. 24 घंटे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए शुरू यह सेवा रात में बंद रहती है. दरअसल ममता वाहन केंद्र में मात्र दो कर्मी ही कार्यरत हैं. लेकिन रात में कोई कर्मी नहीं होने का कारण कोई फोन रिसीव नहीं करता है.
सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक एक पाली फिर दो बजे से रात आठ बजे तक दूसरी पाली की ड्यूटी खत्म होती है. इसके बाद फोन रिसीव करने वाला कोई नहीं होता है. सबसे अधिक परेशानी गांव देहात में रहने वाली गर्भवती महिलाअों को हो रही है, जहां ममता वाहन तो मौजूद हैं, लेकिन कॉल सेंटर से बातचीत नहीं होने के कारण समय पर वाहन उपलब्ध नहीं हो पाता है. सरकार की अति महत्वाकांक्षी इस योजना की शुरुआत 2011 में हुई थी.
केंद्र में अव्यवस्था, शौचालय में दरवाजा नहीं : ममता वाहन केंद्र का अपना वाहन नहीं है. फिलहाल सदर प्रांगण में चल रहे इस भवन में अव्यवस्था देखते बन रही है. केंद्र के शौचालय में दरवाजा नहीं है. शौचालय का पेन व अन्य सामान टूटा हुआ है. यहां रखी गयीं कुर्सियां टूटीं हैं. पहले केंद्र धनबाद पीएचसी में था, लेकिन वहां से इसे उठाकर कोर्ट मोड़ स्थित सदर अस्पताल प्रांगण के भवन में शिफ्ट किया गया है.
जिले में 55 वाहन, गोविंदपुर, धनबाद व निरसा से अधिक फोन : जिले में सभी प्रखंडों में 55 ममता वाहन से स्वास्थ्य विभाग का एमओयू है.
इसके तहत गर्भवती महिला को घर से स्वास्थ्य केंद्र या सरकारी अस्पताल तक या केंद्र या सरकारी अस्पताल से घर तक नि:शुल्क लाना- ले जाना है. इसके लिए खर्च सरकार वाहन करती है. पिछले कुछ माह की बात करें तो गोविंदपुर, धनबाद व निरसा से अधिक फोन आ रहे हैं, जबकि बाधमारा, झरिया, टुंडी, बलियापुर आदि जगहों से नाम मात्र के फोन आ रहे हैं. इस कारण इन क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को लाभ नहीं मिलता है.
ममता वाहन कॉल सेंटर का नया नंबर आया
ममता वाहन का कॉल सेंटर का नंबर बदला गया है. पहले एक टेलीकॉम कंपनी सेवा दे रही थी, लेकिन कंपनी बंद होने के कारण कई माह से फोन डेड था. अब सेंटर का नया नंबर आ गया है. यह नंबर 8298776667-68 है.
