संवाददाता, देवघर : विश्व आयोडीन न्यूनता विकार दिवस से पहले शुक्रवार को सदर अस्पताल के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें आयोडीन के महत्व और इसकी कमी से होने वाले रोगों के प्रति जागरूक करने की जानकारी दी गयी. कार्यशाला का शुभारंभ सीएस डॉ युगल किशोर चौधरी ने किया. उन्होंने कहा कि आयोडीन की कमी से गलगंड (गोइटर), मानसिक मंदता, बच्चों में वृद्धि रुकना तथा गर्भस्थ शिशु के विकास में बाधा जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों और पोषण विशेषज्ञों ने बताया कि आयोडीन युक्त नमक का नियमित सेवन इस समस्या से बचाव का सबसे सरल उपाय है. उन्होंने लोगों को नमक में आयोडीन की जांच की विधि भी सिखायी और संतुलित आहार के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी. प्रतिभागियों के लिए निःशुल्क आयोडीन जांच शिविर भी लगाया गया, जिसमें लोगों ने अपने घरों में उपयोग होने वाले नमक की जांच करवायी. विशेषज्ञों ने कहा कि नमक को हमेशा सूखे और हवा बंद डब्बे में रखें. नमक को आग के पास नहीं रखें और खाना बनाते समय अंत में नमक डालें. साथ ही 15 पीपीएम से अधिक मानक वाला नमक ही उपयोग करें. मौके पर जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ एमके गुप्ता, डीएस डॉ सुषमा वर्मा, जिला माहवारी विशेषज्ञ मनीष शेखर, डीपीसी प्रवीण सिंह, डीडीएम पुखराज कुमार समेत अन्य मौजूद थे. कार्यशाला के अंत में सभी स्वास्थ्यकर्मियों को आयोडीन के महत्व पर जागरुकता फैलाने की शपथ दिलायी गयी. हाइलाइट्स विश्व आयोडीन न्यूनता विकार दिवस पर सदर अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन
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