संवाददाता, देवघर : नगर निगम के सभागार में नगर आयुक्त रोहित सिन्हा की अध्यक्षता में जन्म-मृत्यु पंजीकरण से संबंधित प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इसका उद्देश्य जन्म व मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप घटनाओं की समयबद्ध रिपोर्टिंग सुनिश्चित करना और निजी संस्थानों को आ रही व्यावहारिक दिक्कतों का समाधान करना रहा. नगर आयुक्त ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र शिक्षा, पहचान पत्र, सरकारी योजनाओं और सामाजिक लाभों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज है. ऐसे में प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जायेगी. उन्होंने निर्देश दिया कि निजी संस्थान रिपोर्टिंग में नियमों का सख्ती से पालन करें और यह भी सुनिश्चित करें कि आम नागरिकों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो. प्रशिक्षण में बताया गया कि निजी संस्थानों को जन्म व मृत्यु की सूचना 21 दिनों के भीतर नगर निगम के निबंधक को देना अनिवार्य है. 21 से 30 दिनों के बाद रिपोर्टिंग पर विलंब शुल्क के साथ निबंधन किया जाता है. 30 दिनों से एक वर्ष से कम अवधि के मामलों में सांख्यिकी पदाधिकारी की स्वीकृति आवश्यक है, जबकि एक वर्ष से अधिक पुराने मामलों में अनुमंडल पदाधिकारी या उनके द्वारा नामित कार्यपालक दंडाधिकारी की अनुमति के बाद ही निबंधन संभव है. सहायक नगर आयुक्त सह रजिस्ट्रार रंजीत सिंह ने जानकारी दी कि बच्चों का बिना नाम के भी 12 माह तक निःशुल्क पंजीकरण किया जा सकता है और बाद में आवेदन देकर नाम जोड़ा जा सकता है. उन्होंने फर्जीवाड़े से बचने की अपील करते हुए कहा कि समय पर सही जानकारी देना भविष्य की परेशानियों से बचाता है. प्रशिक्षण में सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी कमलेश कुमार व अरविंद कुमार ने भी विषय की बारीकियों पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में नगर निगम कर्मियों के साथ निजी संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
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