सारवां. बाबा बैद्यनाथधाम क्षेत्र निवासी सबसे बड़े सौभाग्यशाली है, जो साक्षात देवाधिदेव महादेव की गोद में. यह बातें अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका पूज्या गौरंगी गौरी ने टीकोरायडीह गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीश्री 1008 शिवशक्ति महायज्ञ के अवसर पर कही. इस क्रम में उन्होंने कहा कि बाबा बैद्यनाथ से मेरा बचपन से ही अटूट लगाव और विश्वास था और बाबा ने मुझे इस योग्य समझा कि हर साल अपने शरण में बुला ही लेते हैं. आप विश्वास तो उन पर करके देखिये उनके जैसे दाता तीनों लोकों में नहीं ह. इस क्रम में उन्होंने श्रीरामचरितमानस ग्रंथ के संबंध में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा हम लोग कहते हैं कि हम लोग सनातनी हैं. हम हिंदू हैं पर सनातनी और हिंदू वाला कार्य एक भी नहीं करते हैं आज कितने हिंदू घर में तुलसी के पौधे हैं और कितने घरों में श्रीरामचरितमानस ग्रंथ हैं और न घर में शंख है. न ही घंटी है. अगर किन्ही के घर में है, तो वह कभी श्रीरामचरितमानस ग्रंथ को धूप तक भी नहीं दिखाते. दादाजी के जमाने से लाल कपड़े में बंधा हुआ यह महाग्रंथ पड़ा हुआ है. इस क्रम में उन्होंने कहा कि जिस घर में रामचरितमानस है. उस घर की रक्षा साक्षात श्रीहनुमान जी उसके घर के द्वार पर पहरा देकर करते हैं. और अगर रामचरितमानस पर धूल जम जाती है, तो हनुमान जी भी निराश होकर वहां से चले जाते, जहां उनकी पूजा होती है. आप विश्वास तो करें निश्चित रूप से आपको भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि देवाधिदेव महादेव भगवान श्रीराम से आगाध प्रेम करते हैं और उतना ही प्रेम भगवान श्रीराम देवाधिदेव महादेव से करते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक है. उन्होंने कहा कि पूजा घर में श्रीरामचरितमानस ग्रंथ अवश्य रखें. कुछ भी नहीं करें पर एक पुष्प और अगरबत्ती जरूर उन्हें दिखायें, सफलता निश्चित मिलेगी. इस अवसर पर देर तक संगीतमय श्रीरामचरितमानस कथा के विभिन्न प्रसंग की प्रस्तुति दृष्टांत के साथ की गयी. संचालन में शिवशक्ति यज्ञ समिति और ग्रामोत्थान समिति के सदस्यों ने आम भूमिका निभायी.
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