चितरा. राज्य सरकार की कोयला पर अत्यधिक सेस लगाने के कारण झारखंड के कोयला खदानों के कोयले की मांग कम हो गयी है. यह बातें पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने सोमवार शाम को अपने आवासीय कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान कही. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा कोयला में प्रति टन 450 रुपया अतिरिक्त (सेस) टैक्स लगाकर कोयले की कीमत बढ़ा दी है, जिससे इनदिनों झारखंड में कोयले की खरीदार नहीं के बराबर मिल रहे हैं. साथ ही कहा कि इसी वजह से ट्रांसपोर्टिंग भी बंद है. इतना ही नहीं इसी कारण इसीएल वर्तमान में वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही है और कोलियरी कर्मियों के वेतन में कटौती के साथ साथ ओटी, संडे हॉली डे में भी कटौती करने में कोलियरी प्रबंधन लगी है. उन्होंने यह भी कहा कि चितरा कोलियरी प्रबंधन से कहना चाहता हूं कि मेहनत करने वाले कोल कर्मियों को ओटी, संडे का लाभ दिया जाये, लेकिन जो हाजिरी बनाकर भाग जाते हैं वैसे कोयला कर्मियों का ओटी, संडे देना बंद करें. सिंह ने कहा कि सभी विभागों में लूट मची हुई है, उसपर अंकुश लगाने की जरूरत है. साथ ही बंगाल में बैठकर हाजिरी लेने वाले अधिकारियों का भी हाजिरी काटा जाये, एलाउंस बंद किया जाये, तभी इसीएल वित्तीय संकट से उभर सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि कोलियरी के कुछ तथाकथित ट्रेड यूनियन वाले लोग भी अपना दायित्व सही से निर्वाहन नहीं करते है, जिससे चितरा कोलियरी यह स्थिति उत्पन्न हुई है. हाइलार्ट्स : चितरा कोलियरी को लेकर पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
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