मधुपुर. शहर के भेड़वा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में हिन्दी साहित्य के महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती मनायी गयी. उपस्थित लोगों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. वहीं, धनंजय प्रसाद ने कहा कि आधुनिक हिंदी साहित्य के सर्वोत्तम प्रतिभा थे. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला उनकी काव्य में क्रांति झलक दिखती है. निराला जी छायावाद के प्रमुख स्तंभों और प्रगतिशील व यथार्थवादी कविता के सूत्रधारों में से एक थे. उन्होंने भिक्षुक जैसी यथार्थवादी कविताएं लिखी. निराला जी का काव्य इस युग के सर्वश्रेष्ठ काव्य में से एक है. निराला जी अपनी कविता का आरंभ मुक्त छंद से किया जो काव्य के क्रमागत भूमिका पर एक अभिनव क्रांति थी. उन्होंने हिन्दी काव्य की एक नयी तैयार की तथा अनेकानेक छंद का प्रयोग किया है. भाषा के क्षेत्र में तो एकदम निराले थे. हिन्दी साहित्य जगत में कोई दूसरा कवि नहीं दिखता है जो विविध विषयों, स्वर शैलियों और भाव भावनाओं को एक साथ अभिव्यक्त कर सकता है. ऐसे विभूति को भला कैसे बिसराया जा सकता है.
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