संवाददाता, देवघर : राज्य सरकार ने भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को बाबा बैद्यनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए 900 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है. यह जानकारी गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने देवघर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि पिछले वर्ष श्रावणी मेला के उद्घाटन में तत्कालीन मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी बैद्यनाथ कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी. सांसद ने कहा कि बैद्यनाथ कॉरिडोर बनने में मुझे कोई परेशानी नहीं है, लेकिन कॉरिडोर स्थानीय नागरिक की सहमति से ही बननी चाहिए. स्थानीय नागरिक की सहमति होगी, तभी कॉरिडोर बनाने का मैं समर्थन करुंगा. बगैर स्थानीय नागरिक के कॉरिडोर बनाने के पक्ष में पहले भी नहीं था और अभी भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मुझ पर मंदिर में प्रवेश को लेकर जो एफआइआर दर्ज हुआ है उसके पीछे गहरी साजिश है. राज्य सरकार ने कॉरिडोर का जो नक्शा भेजा है उसमें बाबा मंदिर के पौराणिक स्थल सिंह दरवाजा को भी तोड़ने की बात है. बाबा मंदिर के चारों दरवाजों में सिंह दरवाजा सबसे महत्वपूर्ण है. सांसद ने कहा कि मुझ पर एफआइआर करने वाले व्यक्ति ने मुख्यमंत्री की चाटूकारिता कर राज्य सरकार से मिलकर सिंह दरवाजा को तोड़ने की सहमति दी है. मेरी आवाज को दबाकर सिंह दरवाजा को तुड़वाना चाहते हैं, जबकि मेरा सिंह दरवाजा तोड़ने का विरोध है. बैद्यनाथ कॉरिडाेर में बाबा मंदिर परिसर सहित मंदिर के कोई भी ढांचे से छेड़छाड़ नहीं करने देंगे. उन्होंने कहा कि जब तक मैं सांसद हूं, इस कॉरिडोर में सिंह दरवाजा तोड़ने या मंदिर की गरिमा को कोई ठेस पहुंचाने की जो भी कोशिश करेगा, उसका मैं विरोध करूंगा और इसके लिए हजारों एफआइआर बर्दाश्त करने को तैयार हूं.
शीतला मंदिर की मूर्ति सिंह दरवाजे की खुदाई में मिली थी (बॉक्स)
सांसद डॉ दुबे ने कहा कि करीब 150 वर्ष पहले सिंह दरवाजे का जीर्णोद्धार बनेली इस्टेट के राजा ने करवाया था. इस दौरान खुदाई में माता शीतला की जो मूर्ति निकली थी, उसी मूर्ति को बाजार में शीतला मंदिर में स्थापित की गयी है. उन्होंने कहा कि मैं जब तक सांसद हूं, तब तक मंदिर के किसी भी चीज में हाथ नहीं लगाने दूंगा. मेरे सांसद बनने के पहले से बाबा मंदिर परिसर में काली माता की खंडित प्रतिमा को बदलने के लिए मंदिर प्रबंधन बोर्ड ने नयी प्रतिमा खरीदकर रखी थी, लेकिन वर्ष 2009 में मेरे सांसद बनने के बाद मैंने बोर्ड में कभी काली मां की प्रतिमा बदलने पर सहमति नहीं दी. सिंह दरवाजा तोड़ने का विरोध करने पर मुझ पर पंडा समाज के उक्त व्यक्ति ने जो एफआइआर दर्ज करायी है, उस एफआइआर से कुछ नहीं होने वाला है. मेरे लिए हाइकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट व संसद के दरवाजे खुले हैं. सांसद ने कहा कि मेरी याचिका पर श्राइन बोर्ड का गठन हुआ और इसमें पंडा धर्मरक्षिणी के प्रतिनिधि को भी सदस्य बनाया गया, लेकिन छह वर्षों से श्राइन बोर्ड की बैठक मुख्यमंत्री द्वारा नहीं की गयी है, इस पर कोई आवाज नहीं उठा रहा है. मुझ पर एफआइआर करने वाले केवल सीएम की चाटुकारिता करने में लगे हैं, जिस कारण बाबा बैद्यनाथ मंदिर का सरकारीकरण हो रहा है. जितने बाबा की मूर्ति की फोटो नहीं दिख रही है, उतने मुख्यमंत्री की फोटो व होर्डिंग शहर में लगे हैं.
हाइलाइट्समुझ पर एफआइआर करने वाले ही राज्य सरकार से मिलकर सिंह दरवाजा को तुड़वाने की कर रहे हैं साजिश
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