संवाददाता, देवघर. नगर निगम की ओर से जारी चेतावनी के बाद निगम अब पूरी गंभीरता से फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने वालों और बनाकर देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है. निगम सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई संदिग्ध प्रमाण-पत्र मिले हैं, जिनकी जांच शुरू कर दी गयी है. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कुछ प्रज्ञा केंद्रों और फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से सरकारी पोर्टल की हूबहू नकल कर फर्जी प्रमाण-पत्र तैयार किये जा रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, निगम को लगातार ऐसे मामलों की शिकायतें मिल रही हैं, जिसमें लोगों ने प्रमाण-पत्र बनवाने के नाम पर अपने आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज निजी एजेंटों को सौंपे. इससे उनकी व्यक्तिगत जानकारी के गलत इस्तेमाल का खतरा हो सकता है. नगर निगम ने इसे गंभीर साइबर जोखिम मानते हुए सतर्कता बढ़ा दी है. रजिस्ट्रार सह सहायक नगर आयुक्त रंजीत सिंह ने बताया कि फर्जी प्रमा- पत्र मामले को लेकर निगम ने सभी राजस्व कर्मचारियों व जन्म मृत्यु प्रमाण-पत्र शाखा को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक को संदेह हो तो तत्काल नगर निगम से संपर्क करें. वैध प्रमाण-पत्र की जांच का आसान तरीका भी निगम ने जारी किया है. क्यू आर कोड स्कैन करने पर यदि प्रमाण पत्र https://dc.crsorgi.gov.in/ पर रीडायरेक्ट होता है, तभी वह असली है. अन्य वेबसाइट पर खुलने या त्रुटि दिखने पर वह नकली माना जायेगा. निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूल नामांकन या अन्य उद्देश्यों को लेकर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जायेग, जल्द ही संदिग्ध मामलों की सूची तैयार कर संबंधित व्यक्तियों से स्पष्टीकरण भी मांगा जायेगा.
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