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Deoghar News : तीन वर्ष में भी जिला परिषद में स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं, अधिकार से वंचित हुए सदस्य

देवघर में जिला परिषद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव के तीन वर्ष होने पर भी अभी तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो पाया है. स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं होने से पंचायतीराज एक्ट का उल्लंघन हो रहा है.

संवाददाता, देवघर : पंचायतीराज एक्ट के अनुसार जिला परिषद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव संपन्न होने के बाद छह माह के अंदर ही जिला परिषद की स्टैंडिंग कमेटी का गठन करने का प्रावधान है. देवघर में जिला परिषद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव के तीन वर्ष होने पर भी अभी तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो पाया है. स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं होने से पंचायतीराज एक्ट का उल्लंघन हो रहा है. साथ ही जिला परिषद सदस्य अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं. स्टैंडिंग कमेटी के गठन नहीं होने से जिला परिषद के कामकाज और योजनाओं के क्रियान्वयन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. देवघर जिला परिषद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित कुल 25 सदस्य हैं, जिनमें आठ कमेटी का गठन किया जाना है. हर कमेटी में एक सभापति चयनित किया जाना है. हरेक स्टैंडिंग कमेटी में एक सभापति व कम से कम पांच सदस्य होते हैं. कुल आठ कमेटियों में कृषि एवं उद्योग, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, वित्त अंकेक्षक तथा योजना विकास, सहकारिता, महिला, शिशु एवं समाज कल्याण, वन एवं पर्यावरण, सामान्य प्रशासन व संचार विभाग स्टैंडिंग कमेटी का गठन होना है. इस गठन के अभाव में योजनाओं की समीक्षा सहित योजनाओं को समय पर लागू करने में असर पड़ रहा है. कई जिला परिषद सदस्यों द्वारा बैठक में बार-बार स्टैंडिंग कमेटी का गठन करने की मांग किये जाने के बाद भी स्टैंडिंग कमेटी की गठन कर अधिसूचना जारी नहीं की गयी है. देवघर में डीडीसी का पद 31 जनवरी से खाली है, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी का गठन अध्यक्ष के स्तर से करने का प्रावधान है. पंचायतीराज एक्ट के अनुसार स्टैंडिंग कमेटी का गठन कर अध्यक्ष द्वारा सूचना डीडीसी को भेजने का प्रावधान है, बावजूद अभी तक चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी है.

तीन वर्षों तक सिर्फ आश्वासन मिला : गीता मंडल

जिला परिषद सदस्य गीता मंडल ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी का गठन के लिए डीडीसी अनिवार्य नहीं है. अध्यक्ष के स्तर से स्टैंडिंग कमेटी का गठन कर सभापति चयन करने का प्रावधान है, लेकिन तीन वर्षों से सिर्फ स्टैंडिंग कमेटी के गठन का आश्वासन ही मिल रहा है. जिला परिषद को अपने अधिकार क्षेत्र का का काम बगैर लंबित रखते हुए पहले पूरा करना चाहिए. अब तक कमेटी का गठन नहीं होना पंचायतीराज राज एक्ट का उल्लंघन है. इससे जिप सदस्यों का अधिकार का हनन हो रहा है. योजनाओं की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है. ऐसी परिस्थिति में पंचायतीराज के माध्यम से सत्ता का विकेंद्रीकरण का उद्देश्य कैसे पूरा होगा.

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