पालोजोरी. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भाई-बहन के प्रेम का प्रतिक करमा पर्व धूमधाम से मना गया. भादो माह के शुल्क पक्ष के एकादशी पर करमा पर्व मनाया जाता है. इस अवसर पर बहनों ने करम डाली को अखरा में रखकर इसके चारों ओर नृत्य कर भाई की लंबी उम्र की कामना की. बहनों ने आजरे करम गोसाईं घरे द्वारे रे, काल रे कांस नदी पारे रे, आवते भादर मास आनबो घुराय…जैसे गीतों गा कर करम गुसाई को मनाया. इससे पूर्व करमेतीन बहनों ने भादो माह शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को गांव के जोरिया तालाब में नहा-धोकर जावा डाली में भरकर उसमें धान, चना, जौ, कुरथी, मकई, मूंग, उरद समेत नौ प्रकार के अनाज के दानों को डाली थी. इसके बाद प्रत्येक दिन पांच बार इस इस डाली को घर के बाहर निकालकर इसे जगाती है, जिससे यह अंकुरित हो जाता है. इसी अंकुरित जावा डाली को लेकर एकादशी के दिन सभी व्रती बहनों ने अखरा के मध्य में रख देती हैं. जिसे गांव के सभी भाई मिलकर सजाते हैं. संध्या के समय बहनों ने करम-धरम की कथा सुनी. इसके बाद रात भर नृत्य कर जागरण किया. आज द्वादशी तिथि को बहनों ने जावा डाली को विसर्जन कर करम परब का व्रत तोड़ा. करमा परब पर शादीशुदा बहनें भी अपने नैयहर आकर करमा परब मनायी. करमा परब को लेकर गांव में काफी उत्साह का माहौल देखा गया. इसको लेकर सबसे ज्यादा उत्साह छोटे-छोटे बच्चियों में देखा गया. हाइलार्ट्स : आज रे करम गोसाईं घरे द्वारे रे, काल रे कांस नदी पारे रे…गीत से गुंजायमान रहा क्षेत्र
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