वरीय संवाददाता, देवघर . जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डाइट), जसीडीह में बैगलेस-डे की अवधारणा को सुदृढ़ करने के लिए दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिलेभर के विभिन्न प्रखंडों के करीब 150 शिक्षकों ने भाग लिया. जिला शिक्षा अधीक्षक ( डीएसई ) मधुकर कुमार, परियोजना पदाधिकारी व डाइट संकाय सदस्यों ने कार्यक्रम की शुरूआत की. प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिन डीएसई ने बैगलेस-डे की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह नयी शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है. इस योजना के अनुसार वर्ष में 10 दिन छात्र बिना बस्ते के स्कूल आयेंगे, जिससे उनका मानसिक तनाव कम होगा और वह विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सहज रूप से सीख सकेंगे. प्रशिक्षण सत्र में अनुभवी प्रशिक्षक अनुभूति रंजन व परशुराम तिवारी ने शिक्षकों को नवीन शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराया. उन्होंने शिक्षकों को बैगलेस-डे को प्रभावी रूप से लागू करने के व्यावहारिक उपाय बतायें. डाइट के संकाय सदस्य मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि बैगलेस-डे बच्चों में लर्निंग बाय डूइंग (करके सीखने) की अवधारणा को सशक्त करेगा, जिससे वह शिक्षा को केवल रटने के बजाय व्यावहारिक रूप से समझ पायेंगे. उन्होंने एनईपी-2020 के तहत कक्षा छह से व्यवसायिक शिक्षा के महत्व पर जोर दिया. कार्यक्रम के प्रथम दिन शिक्षकों को बैकलेस डे के उद्देश्यों, इसकी कार्यप्रणाली और प्रभावी कार्यान्वयन की विधियों से अवगत कराया गया. इस मौके पर किरण कुमारी, एपीओ रानू बोस, आभा मंडल, इति कुमारी, शोभा कुमारी, प्रवीण कुमार तथा संतोष प्रसाद सहित कई शिक्षाविद एवं प्रशिक्षक उपस्थित थे.
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