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Deoghar News : इंटेलिजेंस शेयरिंग, ड्रिल अभ्यास और तकनीकी संसाधनों के अपग्रेडेशन को दें प्राथमिकता: मेजर

जिले की सुरक्षा अब हाइपर-मोड में होगी. किसी भी तरह की आपदा या खतरे की आशंका को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को एनएसजी की टीम ने ग्राउंड समीक्षा की. अब देवघर जिले की संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा जांच का ब्लैक कैट मॉडल अपनाया जायेगा.

प्रमुख संवाददाता, देवघर : जिले की सुरक्षा अब हाइपर-मोड में होगी. किसी भी तरह की आपदा या खतरे की आशंका को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को एनएसजी की टीम ने ग्राउंड समीक्षा की. अब देवघर जिले की संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा जांच का ब्लैक कैट मॉडल अपनाया जायेगा. सुरक्षा की ब्लैक कैट मॉडल की टेस्टिंग नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) कमांडों के आते ही शुरू हो गयी है. एनएसजी टीम ने एयरपोर्ट, अस्पताल, सरकारी परिसरों सहित प्रमुख संवेदनशील स्थानों का फील्ड रिव्यू किया. उसके बाद समाहरणालय में एनएसजी की विशेषज्ञ कमांडो टीम के साथ डीसी नमन प्रियेश लकड़ा एवं एसपी सौरभ ने बैठक की. इस हाइ-लेवल समीक्षा में जिला प्रशासन, पुलिस, एयरपोर्ट, एम्स, स्वास्थ्य विभाग तथा कई अन्य सुरक्षा व तकनीकी एजेंसियों के अधिकारियों ने व्यापक चर्चा की.

एनएसजी टीम ने सुरक्षा रणनीतियों को अधिकारियों के साथ किया साझा

देवघर प्रशासन ने बैठक में संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा रणनीति, आपदा प्रतिक्रिया और तकनीकी क्षमता पर विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम एनएसजी टीम को पूरी जानकारी दी. बैठक में जिले के संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा संरचना, संभावित वास्तविक जीवन खतरों और उनसे निबटने की ग्राउंड-लेवल तैयारी पर विस्तृत समीक्षा की. एनएसजी टीम ने त्वरित प्रतिक्रिया, आधुनिक तकनीक के बेहतर उपयोग, सिचुएशनल अवेयरनेस और इमरजेंसी मैनेजमेंट की उन्नत रणनीतियों को जिले के अधिकारियों के साथ साझा किया. वहीं एनएसजी टीम के अधिकारियों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत जिले के एयरपोर्ट, अस्पताल, प्रमुख सरकारी परिसरों व अन्य संवेदनशील स्थानों के फील्ड निरीक्षण से जुड़े बिंदुओं पर फीडबैक साझा किया. उन्होंने जिला प्रशासन को सलाह दी कि इंटेलिजेंस शेयरिंग, ड्रिल अभ्यास और तकनीकी संसाधनों के अपग्रेडेशन को प्राथमिकता दें

एनएसजी का दौरा मौजूदा सुरक्षा उपायों को मजबूत व फीडबैक सिस्टम को अधिक सक्षम बनायेगा : डीसी

डीसी ने बताया कि यह दौरा देशभर में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा रेकी के राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत एनएसजी टीमें विभिन्न जिलों की सुरक्षा प्रणालियों का मूल्यांकन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि एनएसजी का यह सहयोग न केवल मौजूदा सुरक्षा ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि फर्स्ट रिस्पांस सिस्टम को और सक्षम बनायेगा. उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस, एयरपोर्ट अथॉरिटी, एम्स, फर्स्ट रिस्पांस टीम और अन्य एजेंसियों के बीच त्वरित समन्वय ही किसी भी आपात स्थिति में सफलता की कुंजी है. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सभी एजेंसियां एकीकृत कम्युनिकेशन सिस्टम और प्रोटोकॉल के तहत एकजुट होकर काम करें, ताकि घटनास्थल पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. बैठक में एनएसजी के मेजर नवाज खान, एनएसजी के दिनेश दास, जितेंद्र मीणा, अपर समाहर्ता हीरा कुमार, एयरपोर्ट निदेशक रमनदीप सिंह सैनी, एम्स के अधिकारी, डीपीआरओ राहुल कुमार भारती, एसडीओ देवघर रवि कुमार, एसडीपीओ अशोक कुमार सिंह, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और सुरक्षा एजेंसियों के पदाधिकारी मौजूद थे.

हाइलाइट्स

जिले की सुरक्षा अब हाइपर-मोड में, एनएसजी कमांडो ने की ग्राउंड समीक्षा, एनएसजी ने दी सलाह

एनएसजी संग प्रशासन की हाइ-लेवल मीटिंग

सुरक्षा जांच का ‘ब्लैक कैट’ मॉडल, जिले की सिस्टम टेस्टिंग शुरू

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