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Deoghar News : शिव वही देते हैं, जो श्रद्धा से मांगा जाता है : पं प्रदीप मिश्रा

कोठिया में चल रही सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का गुरुवार को समापन हो गया. कथा के अंतिम दिन एक लाख से अधिक लोगों ने कथा का श्रवण किया. समापन दिवस पर कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी महाराज के भावपूर्ण प्रवचन ने लोगों को भक्तिभाव में डूबो दिया.

संवाददाता, देवघर : कोठिया में चल रही सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का गुरुवार को समापन हो गया. कथा के अंतिम दिन एक लाख से अधिक लोगों ने कथा का श्रवण किया. समापन दिवस पर कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी महाराज के भावपूर्ण प्रवचन ने लोगों को भक्तिभाव में डूबो दिया. अंतिम दिन महाराज जी ने कहा कि जीवन में मिलने वाली तकलीफें और परीक्षाएं ही मनुष्य को फल प्राप्त करने योग्य बनाती हैं. उन्होंने कहा कि जो भाव से सुनता है, जो दिल से सुनता है, बाबा उसे उसके भाव के अनुसार फल अवश्य देंगे.

सात दिनों की कथा से मिली दिव्य अनुभूति

महाराज जी ने कहा कि पिछले सात दिन ऐसे लगे जैसे भक्तों ने दिवाली मनायी हो. दीपों, भजनों, धूप-अगरबत्ती और श्रद्धा से भरा यह आयोजन अपने आप में दिव्य अनुभूति थी. उन्होंने कहा कि जब भक्त घर लौटेंगे, तभी उन्हें अहसास होगा कि उन्हें क्या फल मिला. क्योंकि शिव वही देते हैं, जो श्रद्धा से मांगा जाता है. महाराज जी ने घोषणा की कि अगली कथा 26 नवंबर से दो दिसंबर तक छत्तीसगढ़ में आयोजित होगी. यह जानकारी मिलते ही भक्तों में उत्साह और उमंग की लहर दौड़ गयी. महाराज जी ने भक्ति का महत्व बताते हुए कहा कि जब मन कहीं नहीं लगे, तब मंदिर जाओ. जब तक शिव-कथा न सुन लो. जिस दिन मन लगना शुरू हो जाये, समझ लेना कि शिव आपके भीतर विराज चुके हैं. शिवलिंग पर हर भक्त का जलार्पण शिव स्वयं अपने बच्चों का स्पर्श मानते हैं.

देवघर में दिखा अभूतपूर्व सेवा भाव

कथा में देवी पार्वती द्वारा शिव को 32 करोड़ देवताओं में सबसे सामर्थ्यवान बताने वाले प्रसंग ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. महाराज जी ने समझाया कि विश्व के कल्याण के लिए विषपान करने की यह लीला शिव के अद्वितीय साहस की मिसाल है. सातों दिन लगातार लाखों श्रद्धालुओं ने सुबह से रात तक प्रसाद ग्रहण किया. देवघर शहर ने अभूतपूर्व सेवा भाव दिखायी. किसी ने पानी पिलाया, किसी ने भोजन परोसा, किसी ने कंबल बांटे, तो किसी ने साफ-सफाई और श्रमदान किया. कथा स्थल और शहर में सेवा और समर्पण का ऐसा संगम शायद ही कभी देखा गया था. इसके लिए देवघर के लोग धन्यवाद व अपने सेवा भाव के लिए सदैव जाने जायेंगे.

अंतिम दिन भावुक हुए महाराज जी, भक्तों की आंखें भी हुई नम

कथा के समापन के अवसर पर पंडित प्रदीप जी महाराज भावुक होकर रो पड़े. यह दृश्य देख भक्तों की आंखें भी नम हो गईं. ऐसा लगा मानो महादेव स्वयं अपने भक्तों से विदाई ले रहे हों. पूरा पंडाल कुछ क्षणों के लिए मौन श्रद्धा में डूब गया. इस बीच महाराज जी ने सोमनाथ से लेकर त्र्यंबकेश्वर तक सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों की महिमा का विस्तार से वर्णन किया. भीमाशंकर को उन्होंने भीम के पुत्र के संदर्भ से जोड़ते हुए इसकी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया.

फर्जी वीडियो से सावधान रहने का आग्रह

महाराज जी ने सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले भ्रामक वीडियो को लेकर भक्तों को आगाह किया. उन्होंने कहा कि अन्य स्थानों के विवादित वीडियो को उनकी कथा से जोड़कर अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है. भक्तों से ऐसे वीडियो से सावधान रहने का आग्रह किया.

प्रशासन व मीडिया की सराहना

उन्होंने देवघर प्रशासन, मीडिया, पंडा-समाज, वीडियो मेकर और सभी सेवकों की सराहना की, जिन्होंने इस विशाल आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

महाराज जी का परिवार भी रहा मौजूद

कथा के समापन पर महाराज की पत्नी सहित पूरा परिवार भी शामिल रहा. अंत में सभी ने आरती के साथ कार्यक्रम को संपन्न किया.

हाइलाइट्स

कोठिया में चल रही सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का समापन

प्रदीप मिश्रा जी के भावपूर्ण प्रवचन से भक्त भाव-विभोर

एक लाख से अधिक भक्तों की उपस्थिति में कथा का भव्य समापन

महाराज जी ने सुनाया द्वादश ज्योतिर्लिंगों का महिमा गान

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