संवाददाता, देवघर : आरएल सर्राफ स्कूल परिसर में चल रहे नौ दिवसीय अतिरुद्र महायज्ञ व श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन गुरुवार को पूर्णिमा तिथि पर हुआ. अंतिम दिन स्कूल परिसर स्थित यज्ञशाला सुबह से ही वैदिक मंत्रों की गुंजायमान रहा. भजन और महाआरती के साथ पूर्णाहुति की गयी, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थित रही. समापन पर स्वामी हरिहरानंद आनंद सरस्वती जी महाराज और आचार्य महामंडलेश्वर विवेकानंद भारती जी ने कहा कि यह महायज्ञ देवघर की आस्था और अनुशासन का अतुलनीय उदाहरण है. उन्होंने श्रद्धालुओं और आयोजकों की सराहना करते हुए इसे शिव-सेवा और लोक-कल्याण का अद्वितीय आयोजन बताया. समापन के बाद दोपहर एक बजे से प्रसाद वितरण शुरू हुआ, जिसमें करीब 15 से 20 हजार भक्तों ने पंक्तिबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण किया.
कथा वाचक रमाकांत भाई ने की देवघर की प्रशंसा
कथावाचक रमाकांत भाई ने कहा कि लाखों की भीड़ में भी देवघर के भक्तों ने अनुशासन की मिसाल पेश की है. भीड़ में शांति और व्यवस्था देखकर उन्होंने इसे पूरे देश के लिए प्रेरणादायी बताया. यज्ञ में रुद्र, रुद्राक्ष, श्रीसूक्त, शुक्ल यजुर्वेद और सामवेद मंत्रों द्वारा विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ. संतों ने कहा कि सब सुखी हों, सब निरोग रहें, यही यज्ञ का मूल उद्देश्य है. वहीं जगन्नाथ पुरी, काशी विश्वनाथ एवं विभिन्न ज्योतिर्लिंग पीठों से आये संत-प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ायी. इसे बाबा बैद्यनाथ की विशेष कृपा का प्रतीक माना गया.
अगले वर्ष दिल्ली में भव्य आयोजन की घोषणा
समापन के दौरान स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी ने घोषणा की कि नवंबर अगले वर्ष दिल्ली में इसी तरह का विराट अतिरुद्र महायज्ञ व श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ आयोजित का आयोजन किया जायेगा.
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