मधुपुर. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न इलाके में कटहल की खेती व बिक्री व्यापक पैमाने पर होती है. इसकी खेती कर किसान बंपर कमाई करते हैं. इलाके में ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रांतों में ट्रेन व ट्रकों के माध्यम से कटहल हर साल भेजा जाता है. छोटे बड़े व्यापारी कटहल की खरीदारी स्थानीय स्तर पर करते हैं. अधिक मात्रा में कटहल जमा होने के बाद विभिन्न राज्यों में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया जाता है. व्यापारी कटहल की खरीदारी विशेष कर पंदनिया, मारगोमुंडा, लहरजोरी, धमनी, नैयाडीह, किया जोरी, हाटकूल, केंदुआटांड़, कल्हाजोर, जगदीशपुर, दारवे, पटवाबाद नारायणपुर, करौ, सिरसा, पाथरोल, गंजोबारी, ठेंगाडीह, आमाटांड़, बभनडीहा, केशरगढ़ा, महुआडाबर, साप्तर, नवाडीह, लालपुर, बरमसिया, जाभागुड़ी, बुढ़ैई आदि गांवों से करते हैं. इसके बाद व्यापारी उसे मधुपुर लाकर पैकिंग कर रेल व सड़क मार्ग से विभिन्न प्रांतों में भेजते हैं. मधुपुर के कटहल भारी मात्रा में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल भेजा जाता है. जहां इसकी काफी मांग होती है. इन इलाकों में कटहल को लजीज सब्जी के रूप में बनाकर थाली में परोसा जाता है. बड़े-बड़े होटल और रेस्टोरेंट में कटहल के विभिन्न प्रकार की डिश तैयार की जाती है. व्यापारी मो शमीम, अजय, पप्पू, सुनील, मो कलीम, मो अफजल, टार्जन आदि ने बताया कि यूपी-बिहार सहित विभिन्न राज्यों में कटहल की अच्छी मांग है. इससे हम लोगों को अच्छी आमदनी हो जाती है, लेकिन इस बार रेलवे ने कटहल बुकिंग करने से इनकार कर दिया है. इसके कारण मधुपुर के कटहल यूपी व दिल्ली समेत अन्य जगहों में नहीं पहुंच पा रही है. बताया जाता है कि कुंभ एक्सप्रेस समेत कुछ चुनिंदा ट्रेनों के एसएलआर बोगी में कटहल चढ़ाने के लिए मधुपुर में पांच मिनट का अतिरिक्त ठहराव दिया जाता था. पर इस बाद अतिरिक्त ठहराव हटा दिया गया है. इसके कारण स्थानीय रेल प्रशासन ने कटहल की बुकिंग बंद कर दी है. इससे जहां प्रत्येक दिन रेलवे को भी राजस्व की क्षति हो रही है. वहीं, किसान व व्यापारियों को भी नुकसान हो रहा है. कटहल की भारी मात्रा में आवक होने से बाजार में कीमत काफी गिर गया है और नुकसान हो रहा है. व्यापारी व किसानों ने रेल प्रशासन से कटहल की बुकिंग दोबारा शुरु करने की मांग की है. ——— कटहल चढ़ाने के लिए मधुपुर में ट्रेनों को पांच मिनट का अतिरिक्त स्टॉपेज मिलता था रेलवे की कार्यशैली से किसान व व्यापारी निराशा मधुपुर के कटहल का बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल में है भारी डिमांड
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