प्रमुख संवाददाता, देवघर . यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को एसबीआइ साधना भवन के सामने विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों के विरोध और अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व देवघर इकाई के संयोजक मुन्ना कुमार झा कर रहे थे. इस दौरान संगठन के नेताओं ने कहा कि इन मांगों के क्रियान्वयन से बैंकिंग सेक्टर में सुधार आयेगा. कर्मचारियों के अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और सार्वजनिक क्षैत्र के बैंकों को मजबूती मिलेगी. श्री झा ने कहा कि यदि मांगें नहीं मानी गयी तो तीन मार्च को संसद के सामने जंतर मंतर, नयी दिल्ली में विशाल धरना दिया जायेगा. फिर भी सरकार ने मांगें पूरी नहीं की तो 24 व 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल करेंगे.
प्रदर्शन में मुख्य रूप से ये सभी बैंक अधिकारी थे शामिल :
एसबीआइ कर्मचारी संघ के उपमहासचिव धीरज कुमार, अधिकारी संघ के आंचलिक सचिव विभु प्रकाश, अध्यक्ष मिथिलेश कुमार, मनीष कुमार रॉय- यूबीआइ, ब्रजेश कुमार-केनरा बैंक, अनुप कुमार वत्स – केनरा बैंक अफसर एसोसिएशन, रोहित कुमार झा-अध्यक्ष, पीएनबी झारखंड, सुरेन्द्र कुमार- प्रेसिडेंट, ओवरसीज़ बैंक, अरविंद बाजपेई, कनिष्क आनंद, राजेश कुमार, अंशुमन, सुमन, कैलाश निराला, प्रशांत, स्वधा, अमूल करकेटा, चंद्रशेखर, दीपक, निशि आनंद,मुकेश, रोहित, अमर, रविकांत, प्रवीण, अवधेश झा, केशव, सनी, अंशुमन, राजेश, ब्रजेश, आयुषी, कंचन, अमित कुमार, सुमित कुमार, रंजन, अविनाश , अनूप पांडे, चंद्रशेखर, अरविंद बाजपेई, कनिष्क आनंद, कुमार शांतनु, काजल , प्रद्युम्न कुमार, मनीष, अजय जजवाड़े सहित काफी संख्या में विभिन्न बैंकों के कर्मी शामिल थे.बैंक कर्मचारी संघ की मुख्य मांगें :
बैंकों में पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों व अधिकारियों की भर्ती.पांच दिवसीय बैंकिंग सप्ताह की घोषणा.
कर्मचारी एवं अधिकारी प्रतिनिधियों को निदेशक मंडल में नियुक्ति.पुरानी लंबित मांगों का शीघ्र निराकरण.
आइडीबीआई बैंक के निजीकरण पर रोक.ग्रेच्युटी नियमों में संशोधन व केंद्रीय कर्मियों के समान ग्रेच्युटी का भुगतान.
बैंक कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा एवं दुर्व्यवहार पर कड़ी कार्रवाई.पीएलआइ प्रणाली में सुधार और भेदभाव को समाप्त करना.
अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति बंद कर स्थायी कर्मचारियों की भर्ती सुनिश्चित करना.सरकार व डीएफएस का बैंकिंग क्षेत्र में अनावश्यक हस्तक्षेप बंद हो.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने की नीति अपनायी जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है