मधुपुर. प्रखंड क्षेत्र की जावागुड़ी पंचायत स्थित लालपुर गांव में किसान क्लब व संवाद के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय किसान मेला में समेकित खेती दशा व दिशा विषयक पर किसान गोष्ठी आयोजित हुई. गोष्ठी में राज्य के विभिन्न जिले से आये किसान प्रतिभागी उपस्थित रहे. वहीं, समाजकर्मी घनश्याम ने कहा समेकित खेती या समन्वित कृषि प्रणाली में कृषि के अलग-अलग कामों को एक साथ इस तरह से किया जाता है कि वह एक-दूसरे के पूरक बने. इससे संसाधनों की क्षमता, उत्पादकता व लाभप्रदता बढ़ती है. साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है. कहा कि समेकित खेती के कई फायदे है. उन्होंने कहा कि कृषि में युवाओं का रुझान बढ़ता है व कृषि पर्यटन की संभावनाएं बढ़ती है. साथ ही समेकित खेती में फसल उत्पादन, मवेशी पालन, फल और सब्जी उत्पादन, मछली पालन, वानिकी, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम, मशरूम की खेती गोबर गैस उत्पादन का कार्य किया जा सकता है. खेती को बचाने के लिए परिवार समाज को बचाना आज जरूरी हो गया है. गोष्ठी का संचालन अबरार ताबिंदा ने किया. मौके पर शीला देवी, अन्ना , सागोरी, फागू बेसरा, लाईसन मरांडी, आनंद मरांडी, बंकू, मोहम्मद लुकमान अंसारी, अताउल अंसारी, जाकिर हुसैन, सीमांत, रीता कुमारी, मालती, इंद्रदेव ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ पारंपरिक बीज संरक्षण पर जोर दिया. मेला में बोकारो से आये झांझर सांस्कृतिक टीम के हबीब व शेखर ने एक से बढ़कर एक खोरठा गीत प्रस्तुत कर ग्रामीणों का मन मोह लिया. बाल कलाकारों ने नाटक गीत संगीत प्रस्तुत किया. खेलकूद और सांस्कृतिक आयोजन में शामिल प्रतिभागी और फसल प्रदर्शनी में शामिल उत्कृष्ट किसानों को पुरस्कृत किया गया. ————————– मेले में समेकित खेती दशा व दिशा विषयक पर किसान गोष्ठी आयोजित
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