जहां उसकी पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया जिसे कपड़े से लपेट कर घास की चरनी पर लिटा दिया और उसका नाम यीशु रखा था. काफी कम उम्र में ही वे धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए जुट कर अपने अनुयायियों को बाइबिल पाठ के माध्यम से संदेश देते रहे. बताया कि प्रभु यीशु के जन्म बाद से ही ईसाई समुदाय का उदय हुआ है. प्रभु यीशु एक महान संत थे, वे गरीबों तथा दलितों के उत्थान के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहे. इस अवसर पर सरसकुंज में वार्ड पार्षद राजन सिंह ने बच्चों के बीच केक व राशन सामग्री का वितरण किया.
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चरनी में प्रभु यीशु ने लिया जन्म, अनुयायी उत्साहित
जसीडीह. संत मेरी कैथौलिक चर्च में प्रभु यीशु का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर इसाई धर्मावलंबियों ने गिरजाघर में प्रार्थना सभा का आयोजन किया. शनिवार की रात चरनी में प्रभु ईशु के जन्म लेते हीं अनुयायियों ने खुशी मनाते हुए आपस में गले मिलकर क्रिसमस की बधाई दी. फादर जोसेफ मुलूर ने […]
जसीडीह. संत मेरी कैथौलिक चर्च में प्रभु यीशु का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर इसाई धर्मावलंबियों ने गिरजाघर में प्रार्थना सभा का आयोजन किया. शनिवार की रात चरनी में प्रभु ईशु के जन्म लेते हीं अनुयायियों ने खुशी मनाते हुए आपस में गले मिलकर क्रिसमस की बधाई दी. फादर जोसेफ मुलूर ने अनुयायियों को बताया कि प्रभु की मां मरियम गर्भवस्था के दौरान रोम राज्य में जनगणना का समय आ गया था. नियमों के पालन को लेकर पिता युसूफ ने पत्नी को लेकर येरूशेलम के बेतलहम नगर चले गये थे.
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